गांव के बेटे ने 22 वर्ष की उम्र में हासिल की बड़ी कामयाबी, बना एक्साइज इंस्पेक्टर
कड़ी मेहनत और समर्पण से शिवम पटेल ने परिवार और गांव का बढ़ाया मान
कुशीनगर। हर इंसान के जीवन में एक सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वह दिन-रात मेहनत करता है। कुछ लोग डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं, तो कुछ सरकारी सेवा में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं। कुशीनगर जिले के छोटे से गांव घुरहुपुर के रहने वाले शिवम पटेल ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से मात्र 22 वर्ष की उम्र में एक्साइज इंस्पेक्टर बनकर अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है।
कठिन परीक्षा पास कर पाई सफलता
शिवम पटेल रामकृपाल पटेल के पुत्र हैं और उनका बचपन से ही सपना था कि वे एक प्रतिष्ठित सरकारी पद पर आसीन हों। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया। इस परीक्षा में देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं, लेकिन शिवम ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर यह कठिन परीक्षा पास की।
परिवार में खुशी का माहौल
शिवम की इस उपलब्धि से उनके परिवार, रिश्तेदारों और पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके पिता रामकृपाल पटेल ने गर्व से कहा, “हमने कभी सोचा नहीं था कि हमारा बेटा इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता हासिल करेगा। उसकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि वह आज इस मुकाम पर पहुंचा है।”
युवाओं के लिए प्रेरणा
शिवम पटेल की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मित्रों को दिया। उन्होंने कहा, “अगर सही रणनीति और मेहनत के साथ तैयारी की जाए, तो कोई भी परीक्षा कठिन नहीं होती।”
कोचिंग और सेल्फ स्टडी से मिली सफलता
शिवम ने अपनी तैयारी के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग किया। उन्होंने रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई की और पुराने प्रश्न पत्रों का विश्लेषण किया। उनका मानना है कि सही दिशा में मेहनत करने से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
गांव के युवाओं को मिली प्रेरणा
शिवम की सफलता से गांव के अन्य युवा भी प्रेरित हुए हैं। अब वे भी उनके नक्शेकदम पर चलकर सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए हैं।
शिवम पटेल की इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे जिले का मान बढ़ाया है। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि छोटे गांवों से भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है, बस जरूरत होती है सही मेहनत और दृढ़ निश्चय की।