ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार का खुलासा: अवैध आवास आवंटन पर कार्रवाई

ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार का खुलासा: अवैध आवास आवंटन पर कार्रवाई

  डी एम महराजगंज 

डीएम महराजगंज ने प्रधान के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार किए अतिक्रमित, जांच समिति गठित

महराजगंज: जिले के विकासखंड सदर की ग्राम पंचायत बड़हरा रानी में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान शदीकुन निशा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अपने पति रहमतुल्लाह रब्बानी के नाम से अवैध रूप से आवास आवंटित कराया और बाद में उस जमीन पर दुकान का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इस मामले की शिकायत ग्राम निवासी विपिन कुमार ने 4 जनवरी 2025 को सम्पूर्ण समाधान दिवस में दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच के दौरान आरोप सही पाए गए, जिसके बाद जिला मजिस्ट्रेट अनुनय झा ने प्रधान के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार अतिक्रमित कर दिए हैं।

जांच में खुला बड़ा घोटाला

जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा 

शिकायत के आधार पर 9 जनवरी 2025 को जिला पंचायत राज अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच की। जांच में यह पाया गया कि प्रधानपति रहमतुल्लाह रब्बानी को आवास योजना के तहत मकान आवंटित किया गया था, जबकि वह पात्रता की श्रेणी में नहीं आते थे। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जिस जमीन पर आवास का निर्माण हो रहा था, वह किसी अन्य व्यक्ति महेन्द्र चौधरी के नाम दर्ज थी।

जांच में यह भी पाया गया कि जब शिकायत दर्ज कराई गई थी, तब आवास का निर्माण अधूरा था और कोई दीवार नहीं बनी थी, लेकिन जांच के दौरान मौके पर नई दीवारें खड़ी मिलीं। इससे साफ हुआ कि शिकायत दर्ज होने के बाद जल्दबाजी में निर्माण कार्य करवाया गया।

ग्राम प्रधान के भाई को भी मिला अवैध आवास

इस जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ कि ग्राम प्रधान के भाई के नाम पर भी आवास आवंटित किया गया था। आवंटित आवास के पास तीन मंजिला इमारत बन रही थी, जिससे भ्रष्टाचार की परतें और ज्यादा खुलती गईं। इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने यह भी सबूत पेश किए कि प्रधानपति रहमतुल्लाह रब्बानी ने पिछले वर्ष दो अलग-अलग स्थानों पर जमीन खरीदी थी, जिससे यह साबित होता है कि उन्होंने अपनी वार्षिक आय गलत बताई थी और गलत तरीके से आवास योजना का लाभ लिया।

डीएम ने लिया बड़ा फैसला, प्रधान के अधिकार किए अतिक्रमित

जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट अनुनय झा ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छ) के तहत कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान शदीकुन निशा के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार अतिक्रमित कर दिए हैं। अब जब तक अंतिम जांच पूरी नहीं हो जाती और वह दोषमुक्त नहीं हो जातीं, तब तक ग्राम पंचायत के कार्यों का संचालन तीन सदस्यीय समिति करेगी।

डीएम ने यह भी आदेश दिया कि प्रधान और भूमि प्रबंधक समिति के सचिव के स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं माना गया है, इसलिए इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी। जांच समिति में नामित अधिकारियों को जल्द ही इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।

Oplus_0

जमीन घोटाले की पुष्टि, एसडीएम की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एसडीएम सदर को जमीन की जांच का आदेश दिया गया था। एसडीएम की रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया कि ग्राम बड़हरा रानी की जिस जमीन पर प्रधानपति का मकान बनाया गया, वह ग्राम प्रधान के परिवार की नहीं थी। खतौनी में यह जमीन शैल चौधरी, अनिल कुमार, अम्बरीश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, यश चौधरी और पावस चौधरी के नाम दर्ज थी। इस रिपोर्ट ने साबित कर दिया कि ग्राम प्रधान ने अपने पद का दुरुपयोग किया और सरकारी योजनाओं में धांधली की।

ग्राम पंचायत भूमि प्रबंधक समिति के सचिव लेखपाल पर भी गिरेगी गाज

इस पूरे मामले में केवल प्रधान ही नहीं, बल्कि ग्राम पंचायत भूमि प्रबंधक समिति के सचिव लेखपाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह ग्राम पंचायत भूमि प्रबंधक समिति के सचिव के खिलाफ कार्यवाही करें।

कड़ी कार्रवाई के आदेश, बैंक खाते सील करने के निर्देश

डीएम ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित बैंक को आदेश दिया है कि ग्राम पंचायत बड़हरा रानी के वित्तीय लेन-देन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। साथ ही, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को निर्देश दिया गया है कि ग्राम पंचायत के सभी दस्तावेजों की जांच की जाए और अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

निष्कर्ष

ग्राम पंचायत बड़हरा रानी में हुए इस बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे से यह साफ हो गया है कि कैसे कुछ लोग सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। प्रशासन की कड़ी कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच समिति की अंतिम रिपोर्ट में क्या निकलकर आता है और दोषियों पर क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।