महराजगंज में हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, न्यायालय ने ठोका 50,000 रुपये का जुर्माना

महराजगंज में हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, न्यायालय ने ठोका 50,000 रुपये का जुर्माना

 थाना क्षेत्र में हुई दर्दनाक घटना, अभियुक्त को आजीवन कारावास और जुर्माने के साथ 6 महीने की अतिरिक्त सजा

इस घटनाक्रम को पत्रकार मनोज कुमार तिवारी ने अपने यूट्यूब चैनल Tiwari ji vlogs up पर हत्यारे ने मासूम को कर दिया दो टुकड़े शीर्षक से प्रमुखता से चलाया था जिसका लिंक निचे है
—https://youtu.be/ElrUe5awf0o?si=A32GSstZnmG1bsvI

जनपद महराजगंज की निचलौल थाना क्षेत्र में हुई एक हृदयविदारक घटना के मामले में न्यायालय ने सख्त फैसला सुनाते हुए अभियुक्त दीपक पुत्र कालीचरन को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, महराजगंज की कोर्ट ने सुनाया। इस मामले में अभियुक्त पर आरोप था कि उसने 19 सितंबर 2023 को एक मासूम लड़की की निर्मम हत्या की थी। अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आर्थिक दंड न चुकाने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भी दी है।

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घटना का संक्षिप्त विवरण

यह मामला 19 सितंबर 2023 का है, जब निचलौल थाना क्षेत्र के रामचन्द्रही टोला लेदी में एक मासूम बच्ची की हत्या कर दी गई थी। घटना के अनुसार, अभियुक्त दीपक ने खेल रही एक बच्ची की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया, जिससे उसकी गर्दन कटकर अलग हो गई और बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना पूरे क्षेत्र में सनसनी फैलाने वाली थी और लोगों ने अभियुक्त के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

अभियुक्त के खिलाफ निचलौल थाने में अपराध संख्या 468/2023 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया के बाद, पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट दाखिल करने की तारीख 6 अक्टूबर 2023 थी, जिसके बाद अदालत ने तेजी से मामले की सुनवाई की और 20 सितंबर 2024 को दोषी को सजा सुनाई।

न्यायालय का सख्त फैसला

न्यायालय ने अभियुक्त दीपक को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 50,000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया। यदि अभियुक्त यह जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस सख्त सजा ने यह संदेश दिया है कि ऐसे जघन्य अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अभियुक्त और घटना की पृष्ठभूमि

अभियुक्त दीपक पुत्र कालीचरन निचलौल थाना क्षेत्र के रामचन्द्रही टोला लेदी का निवासी है। उसे न्यायालय द्वारा दोषी ठहराने से पहले पुलिस और अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य और गवाहों के माध्यम से यह साबित किया कि हत्या की घटना में उसका सीधा हाथ था।

घटना की पृष्ठभूमि के अनुसार, बच्ची जब अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी अभियुक्त ने अचानक कुल्हाड़ी से वार कर उसकी गर्दन काट दी। घटना इतनी भयानक थी कि बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना पूरे गांव में हड़कंप मचाने वाली थी और ग्रामीणों में गुस्सा और भय व्याप्त हो गया था।

पुलिस और अभियोजन पक्ष का योगदान

इस मामले में पुलिस और अभियोजन पक्ष की तत्परता और कड़ी मेहनत का भी अहम योगदान रहा। तत्कालीन प्राधान निरीक्षक श्री सत्य प्रकाश सिंह ने मामले की जांच को गंभीरता से लिया और अभियुक्त को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कानूनी प्रक्रिया शुरू कराई।

इसके अलावा, एडीजीसी श्री संतोष कुमार मिश्रा ने अभियोजन पक्ष की ओर से सशक्त पैरवी की, जिससे न्यायालय को इस मामले में सख्त निर्णय लेने में मदद मिली।

साथ ही, हेड कांस्टेबल भगवान राम, जो कोट के मुहर्रिर के रूप में कार्यरत थे, ने कोर्ट में महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रस्तुति सुनिश्चित की, जिससे अभियोजन पक्ष की दलीलें और भी मजबूत हो सकीं। पैरवीकार के रूप में हेड कांस्टेबल विजय यादव ने भी अदालत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो अभियोजन की सफलता के लिए सहायक सिद्ध हुई।

न्याय की जीत

अदालत द्वारा सुनाई गई सजा ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया, बल्कि पूरे समाज के लिए एक कड़ा संदेश भी दिया। इस तरह के जघन्य अपराध को लेकर समाज में भय और असुरक्षा का माहौल था, लेकिन अदालत ने इस सख्त फैसले से लोगों को यह आश्वासन दिया कि कानून के तहत कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा।

महराजगंज जिले में इस प्रकार के मामलों पर प्रशासन की तत्परता और न्यायपालिका की सक्रियता को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि अपराधियों के मन में कानून का भय और अधिक बढ़ेगा।

जनमानस की प्रतिक्रिया

इस सजा के बाद क्षेत्र के लोगों ने पुलिस और न्यायपालिका की तारीफ की है। गांववालों का कहना है कि इस तरह की कठोर सजा से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और समाज में शांति और व्यवस्था स्थापित होगी।

कुछ लोगों ने इसे न्याय की जीत कहा और उम्मीद जताई कि ऐसे कड़े फैसले समाज में अपराधों को कम करने में मदद करेंगे।

सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस और अभियोजन अधिकारी

इस सजा को दिलाने में पुलिस और अभियोजन टीम के कई अधिकारियों का विशेष योगदान रहा। हेड कांस्टेबल भगवान राम, हेड कांस्टेबल विजय यादव, और एडीजीसी श्री संतोष कुमार मिश्रा ने इस मामले में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही सगीता देवी, जो इस मामले की मुख्य गवाह थीं, ने भी न्याय पाने में अपना सहयोग दिया।