सोहगी बरवां ग्राम सभा में विकास कार्यों में करोड़ों का घोटाला, फर्जी बिलिंग और भुगतान का खेल उजागर
महराजगंज। मनोज कुमार तिवारी की रिपोर्ट –जनपद महाराजगंज का दुर्गम और पिछड़ा इलाका सोहगी बरवां ग्राम सभा आजादी के 78 साल बाद भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है। दुर्गमता और सरकारी उदासीनता के बीच, यहां विकास योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में अधिकांश कार्य या तो अधूरे हैं या फिर हुए ही नहीं। नवीनतम खुलासे में ग्राम प्रधान, उनके प्रतिनिधि, ग्राम सचिव और ठेकेदारों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर सरकारी धन की हेराफेरी का मामला सामने आया है।
स्थानीय सूत्रों और प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में सोहगी बरवां ग्राम सभा में कुल ₹1,10,30,460 की धनराशि विभिन्न विकास कार्यों के लिए आवंटित हुई। लेकिन दर्जनों योजनाओं में फर्जी बिलिंग और भुगतान का खेल खेला गया, जबकि धरातल पर कार्य नगण्य हैं।
फर्जी कार्यों के कुछ प्रमुख उदाहरण:
1. एक्टिविटी कोड 5277 54 37 – हैंडपंप रिबोर (2021-22)
विनय ट्रेडर्स को ₹1,99,500 का भुगतान 10 नवंबर 2022 को किया गया। रिपोर्ट में कार्य पूर्ण दिखाया गया, लेकिन मौके पर न तो पाइप मानक गहराई तक लगाए गए हैं और न ही चबूतरे बने हैं। कई हैंडपंप अब भी खराब हालत में हैं।
2. एक्टिविटी कोड 5647 54 24 – हैंडपंप रिबोर
बिनय ट्रेडर्स को ₹2,28,000 का भुगतान हुआ, लेकिन मौके पर कोई वास्तविक कार्य नहीं मिला।
3. एक्टिविटी कोड 5647 53 88 – कूड़ादान लगाने का कार्य
अमित ट्रेडर्स को ₹12,22,000 का भुगतान 21 नवंबर 2022 को किया गया। लेकिन पूरे ग्राम सभा में कूड़ेदान दिखाई ही नहीं देते।
4. एक्टिविटी कोड 5647 53 02 – अंडरग्राउंड नाली एवं हम पाइप पुलिया निर्माण (वन विभाग गेट से पिंटू श्रीवास्तव के घर तक)
को ₹1,19,700 का भुगतान किया गया। लेकिन न तो नाली बनी और न ही पाइप लगाए गए।
5. एक्टिविटी कोड 5647 53 27 – अंडरग्राउंड नाली (संजय लाल के घर से आत्माराम के घर तक)
₹1,19,700 का भुगतान किया गया, लेकिन कार्य केवल कागजों में हुआ। विशेष रूप से, एक ही सड़क पर दो टुकड़ों में कार्य दिखाकर एस्टीमेट को ₹2.5 लाख से कम रखा गया ताकि उच्च अधिकारियों की स्वीकृति न लेनी पड़े।
6. एक्टिविटी कोड 5647 53 52 – हम पाइप निर्माण (भुज टोला से भुतहा गांव तक)
₹63,000 का भुगतान हुआ, लेकिन पाइप मौजूद नहीं हैं।
7. एक्टिविटी कोड 5357 68 11 – पुलिया निर्माण (गणेश बाबा के घर के पास)
मां वैष्णो ईंट उद्योग को ₹6,720 का भुगतान, लेकिन कार्य नहीं मिला।
8. पुलिया मरम्मत (नूर आलम के घर के पास)
को ₹2,61,003 का भुगतान 8 जनवरी 2022 को किया गया, जबकि मौके पर पुलिया में कोई मरम्मत नहीं हुई।यह कार्य सिर्फ बानगी मात्र हैं कार्यों के विलो की संख्या 73 है जिससे एक बार खबर में दिखाना सम्भव नहीं है।
भारी मिलीभगत का आरोप
जांच में सामने आया है कि अंशिका इंटरप्राइजेज, मां वैष्णो इंटर उद्योग, पांडे इंटरप्राइजेज, लक्ष्मी एंटरप्राइजेज आदि फर्मों ने ग्राम प्रधान, सचिव और ठेकेदारों के साथ मिलकर टुकड़ों में कार्य बांटकर पेमेंट उठाया। अधिकतर कार्यों को जमीन पर किए बिना ही बिल पास करा दिया गया।
स्थानीय लोगों का रोष
ग्रामवासियों का कहना है कि सोहगी बरवां जैसे दुर्गम क्षेत्र में पहले से ही विकास कार्यों की जरूरत बहुत है, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते गांव को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। हैंडपंप खराब हैं, नालियां टूटी पड़ी हैं, कूड़ादान गायब हैं और पुलिया निर्माण का कोई नामोनिशान नहीं है।
जांच की मांग
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे।
सोहगी बरवां घोटाले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी धन का सही उपयोग वास्तव में हो रहा है या यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। यदि इस मामले में दोषियों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो यह उदाहरण अन्य क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं