मनरेगा में फर्जीवाड़े का खुलासा: भेड़ीहारी पंचायत में बिना काम के भर दिए गए मजदूरों के नाम

मनरेगा में फर्जीवाड़े का खुलासा: भेड़ीहारी पंचायत में बिना काम के भर दिए गए मजदूरों के नाम

फोटो में दिखे केवल 10 लोग, जबकि दर्ज किए गए 150 से अधिक लेबर; अधिकांश कार्यस्थलों पर कार्य ही नहीं हुआ

 

महराजगंज, निचलौल:
जनपद महराजगंज के निचलौल ब्लॉक अंतर्गत भेड़ीहारी ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत संचालित विभिन्न कार्यों में भारी फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है। 13 जुलाई 2025 को चार अलग-अलग कार्यों में कुल 150 से अधिक मजदूरों का उपस्थिति विवरण एनएमएमएस (NMMS) ऐप के माध्यम से अपलोड किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। मौके पर गए स्थानीय लोगों और मीडिया जांच में सामने आया कि अधिकांश कार्यस्थलों पर कोई कार्य ही नहीं हुआ, सिर्फ कुछ लोगों की फोटो लेकर उन्हें कार्यस्थल पर दिखाया गया।

 

पहला मामला: चकबंध कार्य – हरि के खेत से मुमताज के खेत तक

कार्य संख्या: 6967
इस कार्य में 41 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है, लेकिन ग्रुप फोटो में सिर्फ 10 लोग ही दिखाई दे रहे हैं। मौके पर कोई कार्य नहीं हो रहा था, सिर्फ फोटो खिंचवाई गई थी। शेष 31 लेबर का नाम फर्जी तरीके से दर्ज किया गया है।

 

दूसरा मामला: नाली खुदाई – नवल के खेत से जंगल पुलिया तक

कार्य संख्या: 7243
यहां पर भी फर्जीवाड़े की तस्वीर और स्पष्ट हो गई। 23 मजदूरों की अटेंडेंस दर्ज है, जबकि फोटो में मुश्किल से 10 लोग हैं। जिस स्थान पर फोटो खींची गई, वहां कोई भी नाला मौजूद नहीं है। यह सिर्फ एक सड़क पर लिया गया फोटो है।

तीसरा मामला: नाली खुदाई – वीरेंद्र के खेत से सुशीला के खेत तक

कार्य संख्या: 7246
इस कार्य में कुल 52 मजदूरों का उपस्थिति विवरण दर्ज है, लेकिन मौके पर न तो कोई नाला दिखा और न ही कोई काम। फोटो में दिखाई दे रहे 10 लोगों को सड़क पर खड़ा कर फोटो खींचा गया है। कार्य पूरी तरह काल्पनिक प्रतीत होता है।

 

चौथा मामला: नाली खुदाई – रामचंदर के खेत से गोपाल के खेत तक

कार्य संख्या: 7252
यहां भी वही पैटर्न दोहराया गया। मात्र 10 लोगों की ग्रुप फोटो अपलोड की गई, जबकि अटेंडेंस में दर्ज हैं कई गुना ज्यादा मजदूर। नाले की खुदाई कहीं नहीं दिखी, और जिस जगह फोटो ली गई वह भी कार्यस्थल नहीं थी।

 

फर्जीवाड़े में अधिकारी की संलिप्तता पर भी सवाल
गौर करने वाली बात यह है कि चारों कार्यों के लिए फोटो जयगिरीश पटेल, ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी द्वारा खींची और अपलोड की गई हैं। यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या यह फर्जीवाड़ा केवल कार्यदायी संस्था या ग्राम प्रधान स्तर तक सीमित है, या इसमें सरकारी कर्मियों की भी मिलीभगत है?

 

जिला प्रशासन से जांच की मांग

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को गंभीर बताते हुए जिलाधिकारी से तत्काल उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मांग की गई है कि फर्जी अटेंडेंस से हुए भुगतान की वसूली की जाए और मनरेगा के प्रति आम जनता का भरोसा बहाल रखा जाए।

भेड़ीहारी पंचायत में सामने आए इस मामले ने एक बार फिर मनरेगा योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि ऐसे फर्जीवाड़े पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी होगी, बल्कि ग्रामीण विकास की योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी आंच आएगी।