महराजगंज में विकास कार्यों में करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर: फर्जी फर्मों की भूमिका पर सवाल
सामाजिक कार्यकर्ता ने भेजा शासन को पत्र, सतर्कता जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग, दो फर्मों पर फर्जी दस्तावेजों से सप्लाई करने का आरोप
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महराजगंज, उत्तर प्रदेश।
जनपद महराजगंज में विकास कार्यों को लेकर एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। जिले के विभिन्न विकासखंडों और जिला पंचायत के माध्यम से कराए जा रहे विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितता और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। आरोपों के केंद्र में हैं दो निजी फर्म—उत्तमदास इंटरप्राइजेज और ओमप्रकाश पटेल इंटरप्राइजेज, जिन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मटेरियल सप्लाई करने और बिना संसाधन के केवल कागजी खानापूर्ति के जरिए करोड़ों रुपये का ठेका लेने का गंभीर आरोप लगा है।
इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार तिवारी ने उत्तर प्रदेश शासन के गृह एवं सतर्कता विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक विस्तृत पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने पूरे मामले की जांच सतर्कता अधिष्ठान से कराने की मांग की है और दोषी अधिकारियों एवं फर्मों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की अपील की है।
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि संबंधित फर्मों के पास न तो खुद के गोदाम हैं, न ट्रांसपोर्ट व्यवस्था और न ही निर्माण सामग्री की वास्तविक आपूर्ति का कोई प्रमाणिक दस्तावेज। इसके बावजूद इन फर्मों को राजनीतिक संरक्षण और अंदरूनी सांठगांठ के बल पर विभिन्न सरकारी कार्यों के ठेके मिलते रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि जिन सामग्रियों की फर्मों ने आपूर्ति का पंजीकरण कराया है, वास्तव में उसकी आपूर्ति ही नहीं की गई। इसके बजाय घटिया और अपंजीकृत सामग्री से काम चलाया जा रहा है, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल उठते हैं।
पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यह सारा खेल भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से चल रहा है। फर्जी बिलों, मनगढ़ंत प्रमाण पत्रों और बिना किसी भौतिक सत्यापन के भुगतान किए जा रहे हैं, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
शिकायत की प्रतिलिपि सतर्कता अधिष्ठान गोरखपुर जोन के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी महराजगंज को भी भेजी गई है ताकि जिला स्तर पर भी कार्रवाई की जा सके।
यह मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। यदि जांच होती है और आरोप साबित होते हैं, तो यह महराजगंज जनपद में सरकारी धन के दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण साबित हो सकता है।
अब देखना यह है कि शासन इस गंभीर मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में ठोस कार्रवाई की जाती है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबा रह जाएगा। जनता और जागरूक नागरिकों की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं।