दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफ़े की घोषणा की: भाजपा के षड्यंत्र के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी


AAP कार्यकर्ताओं के बीच संबोधन में कहा, ‘जनता के आदेश के बाद ही दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ी राजनीतिक घोषणा करते हुए कहा कि वह दो दिन के भीतर अपने पद से इस्तीफा देंगे। आम आदमी पार्टी (A AP) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ कई षड्यंत्र रचे गए, लेकिन वह इनका सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने साफ किया कि उनके इस्तीफे का कारण कोई हार नहीं बल्कि अपने आदर्शों और सिद्धांतों पर अडिग रहने का निर्णय है।

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, “जनता के आशीर्वाद से हम भाजपा के हर षड्यंत्र का मुकाबला कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम ना झुकेंगे, ना रुकेंगे और ना बिकेंगे। दिल्ली के लिए हमने जो कुछ किया है, वह हमारी ईमानदारी का प्रमाण है और यही ईमानदारी उन लोगों को डरा रही है, जो खुद ईमानदार नहीं हैं।”

भाजपा पर सीधा आरोप

अपने भाषण में केजरीवाल ने सीधे तौर पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए ‘पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा’ का खेल खेला है, लेकिन वह खुद इस खेल का हिस्सा बनने के लिए राजनीति में नहीं आए थे। “मैंने सत्ता को कभी पैसे कमाने का जरिया नहीं माना। मैं राजनीति में आया था ताकि इस देश के गरीबों और आम लोगों के हक की लड़ाई लड़ सकूं। आज हम दिल्ली में जितना भी विकास कर पाए हैं, वह इसी ईमानदारी की बदौलत है। भाजपा को यही बात खटक रही है और इसी से वे डर रहे हैं,” केजरीवाल ने जोश से कहा।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके खिलाफ कई बार षड्यंत्र रचे, लेकिन हर बार वह इनसे उबरकर बाहर आए। उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफा भाजपा के दबाव में नहीं बल्कि जनता के हित में है। “मैं कानून की अदालत में खुद को सही साबित कर चुका हूं। अब जनता की अदालत में खड़ा होने का समय आ गया है। मुझे विश्वास है कि जनता भी मुझे सही ठहराएगी।”

इस्तीफा दो दिन में

केजरीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं और जनता को बताया कि वह अगले दो दिन में अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि उनका यह कदम अस्थायी है और वह भविष्य में जनता के आदेश के बाद ही दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे।

“दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दूंगा, लेकिन यह हार नहीं है। यह जनता के बीच जाने और उनकी अदालत में खुद को सही साबित करने का अवसर है। कानून की अदालत से मुझे इंसाफ मिल चुका है, अब जनता की अदालत मुझे इंसाफ देगी।”

केजरीवाल ने आगे कहा कि वह चुनाव लड़ने और सत्ता हासिल करने के लिए राजनीति में नहीं आए थे। उनका उद्देश्य हमेशा से जनता की सेवा करना और ईमानदारी से काम करना रहा है। “हम दिल्ली के लोगों के लिए काम कर रहे हैं। हमने यहां स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं में सुधार किया है और यह सब जनता के आशीर्वाद और ईमानदारी से मुमकिन हुआ है। हमारी यही ईमानदारी आज कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं हो रही है।”

भाजपा का डर उनकी हार का कारण’

केजरीवाल ने अपने विरोधियों पर सीधा वार करते हुए कहा कि भाजपा उनकी ईमानदारी से डरती है। उन्होंने कहा, “आज भाजपा के नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि यदि दिल्ली की जनता ने एक बार फिर हमें सत्ता में बिठा दिया, तो उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी। इसलिए वे षड्यंत्र कर रहे हैं और हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम कभी नहीं झुकेंगे।”

AAP के कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के इस ऐलान का जोरदार समर्थन किया और उनके साथ खड़े रहने की बात कही। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी कहा कि यह केजरीवाल का साहसिक फैसला है और वह हमेशा की तरह जनता के भरोसे को जीतने में सफल होंगे।

भविष्य की राह

इस्तीफे के बाद दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर किस दिशा में जाएगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ जरूर ला दिया है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि वह आगामी चुनाव में पूरी ताकत से वापसी करेंगे और भाजपा के हर षड्यंत्र का मुकाबला करने के लिए तैयार रहेंगे।

जनता के आशीर्वाद से, केजरीवाल ने कहा, वह दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब दिल्ली की जनता उन्हें आदेश देगी। उनके इस फैसले से जहां एक ओर पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के खिलाफ उनकी यह चुनौती दिल्ली की राजनीति में आने वाले दिनों में नया मोड़ ला सकती है।