युवाओं को खेती से जोड़ने की अनोखी पहल — अमृत इंटर्नशिप कार्यक्रम से सीखेंगे हाईटेक खेती के गुण

तीन माह तक मिलेगा ₹6,000 मासिक भत्ता

 

खड्डा (कुशीनगर),
ग्रामीण युवाओं को कृषि से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नई पहल की गई है। इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत “अमृत इंटर्नशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम” का शुभारंभ आईपीएल शुगर यूनिट, खड्डा में किया गया। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन दिल्ली स्थित राइज फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है, जो चयनित युवाओं को तीन माह तक फील्ड पर कार्य करते हुए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि श्री हुडा सिद्दीकी (डीसीओ, कुशीनगर) ने युवाओं से आह्वान किया कि वे कृषि को रोजगार का मजबूत माध्यम बनाएं। उन्होंने कहा कि अब खेती परंपरागत नहीं, बल्कि हाइटेक और स्मार्ट हो चुकी है। आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक सोच और नवाचार को अपनाकर युवा खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकते हैं।

इस अवसर पर श्री एन.पी. सिंह (यूनिट हेड, आईपीएल शुगर यूनिट, खड्डा), श्री सुधीर कुमार (गन्ना विभाग प्रमुख), डॉ. सतेन्द्र सिंह एवं डॉ. के.पी. सिंह (वैज्ञानिक, गन्ना अनुसंधान केंद्र, सेवरही), श्री पवन पटेल (SCDI), श्री संतोष यादव (चीफ केमिस्ट) और श्री अभय त्रिपाठी (सचिव, राइज फाउंडेशन) उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने युवाओं को आधुनिक कृषि पद्धतियों, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित 60 ग्रामीण युवाओं को तीन माह की अवधि में किसानों के बीच रहकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन इंटर्न्स को खेती की नई तकनीक, मिट्टी की सेहत, जैविक खाद का प्रयोग, फसल प्रबंधन, जल-संरक्षण, और पर्यावरणीय जागरूकता जैसे विषयों पर व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रत्येक प्रतिभागी को ₹6,000 मासिक भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। शुभारंभ के मौके पर युवाओं को प्रारंभिक किट्स और अध्ययन सामग्री भी वितरित की गई।

कार्यक्रम में राइज फाउंडेशन की ओर से अनिल सिंह, अशोक कुमार, रोशनी गुप्ता, सलोनी, ऋषि तिवारी समेत आईपीएल शुगर यूनिट के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।


🌾 क्या है अमृत इंटर्नशिप कार्यक्रम?

“अमृत इंटर्नशिप कार्यक्रम” आईपीएल फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2022 में शुरू की गई एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं को कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगारपरक बनाना है।

इसमें 12वीं पास, डिप्लोमा या स्नातक युवा शामिल होकर तीन माह तक 100 किसानों के साथ प्रत्यक्ष कार्य करते हैं। इस दौरान वे खेती की वास्तविक स्थिति, उसकी चुनौतियों और तकनीकी सुधारों को नजदीक से समझते हैं। कार्यक्रम न केवल युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और व्यवसायिक कौशल विकसित करता है, बल्कि उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी प्रदान करता है।

इसका प्रमुख उद्देश्य है —

  • युवाओं को खेती की नई तकनीकों से परिचित कराना,
  • कृषि उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाना,
  • और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से सतत ग्रामीण विकास को गति देना।

राइज फाउंडेशन और इंडियन पोटाश लिमिटेड की यह संयुक्त पहल ग्रामीण भारत में कृषि को फिर से युवाओं के आकर्षण का केंद्र बनाने की दिशा में एक सकारात्मक और परिवर्तनकारी कदम मानी जा रही है।

रिपोर्ट – सुर्य प्रकाश तिवारी पर्दा फाश न्यूज 24×7

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