मनरेगा मजदूरों को बड़ा तोहफा! मजदूरी बढ़ी, लेकिन बकाया भुगतान अब भी अधूरा

चार महीने से नहीं मिली मजदूरी, सरकार ने फिर किया बढ़ोतरी का ऐलान
नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने मजदूरों की दैनिक मजदूरी दर में वृद्धि कर दी है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। हालांकि, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मनरेगा मजदूरों को पिछले चार महीनों से मजदूरी नहीं मिली है, जिससे वे आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में 252 रुपये हुई मजदूरी, लेकिन बकाया भुगतान कब?
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा अधिनियम 2005 की धारा 6 की उपधारा (1) के तहत यह आदेश जारी किया है। इस फैसले के तहत देशभर के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश में अब तक मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन 217 रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 252 रुपये कर दिया गया है।
हालांकि, मजदूरी बढ़ोतरी की घोषणा से मजदूरों को राहत जरूर मिली है, लेकिन पिछले कई महीनों से लंबित भुगतान को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में हजारों मनरेगा मजदूर अपनी मेहनत की कमाई के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं।
सरकार का दावा – ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का कहना है कि इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और मजदूरों को बेहतर जीवन स्तर प्राप्त होगा। मजदूरी दर में बढ़ोतरी से श्रमिकों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मजदूरों की मांग – पहले बकाया भुगतान हो
ग्रामीण विकास विशेषज्ञों का मानना है कि मजदूरी बढ़ाना अच्छी पहल है, लेकिन जब तक मजदूरों को उनका बकाया भुगतान नहीं मिलेगा, तब तक वे राहत महसूस नहीं कर सकते।