लोकायुक्त की सख्ती: महराजगंज के धीरेन्द्र प्रताप सिंह से पांच वर्षों की संपत्ति का ब्योरा तलब

लोकायुक्त की सख्ती: महराजगंज के धीरेन्द्र प्रताप सिंह से पांच वर्षों की संपत्ति का ब्योरा तलब

शिकायतकर्ता मनोज कुमार तिवारी की याचिका पर उप लोकायुक्त ने लिया संज्ञान, 4 जून तक मांगी चल-अचल संपत्तियों की पूरी जानकारी

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश लोकायुक्त कार्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महराजगंज जनपद के निवासी श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह से विगत पांच वर्षों की चल-अचल संपत्तियों का पूरा ब्योरा मांगा है। यह कार्रवाई सिंहपुर गांव निवासी श्री मनोज कुमार तिवारी द्वारा दायर परिवाद के आधार पर की गई है। उप लोकायुक्त कार्यालय द्वारा दिनांक 1 मई 2025 को जारी पत्र के अनुसार, श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह को दिनांक 4 जून 2025 तक सारी जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।

प्रेषित पत्र के माध्यम से उप लोकायुक्त सचिव डॉ. रीमा बंसल ने निर्देश जारी किया है कि श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह को स्वयं तथा अपने आश्रितों द्वारा अर्जित संपत्तियों का स्पष्ट विवरण विहित प्रारूप में प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही आय-व्यय का समुचित गणना चार्ट, तथा पिछले पांच वर्षों की इनकम टैक्स रिटर्न (आई.टी.आर.) की प्रतियां और एक शपथपत्र भी अनिवार्य रूप से संलग्न करना होगा।

शिकायतकर्ता मनोज कुमार तिवारी ने आरोप लगाया है कि श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा उनके कार्यकाल में अनियमित रूप से संपत्ति अर्जित की गई है, जिसकी जांच आवश्यक है। यह मामला नगर पंचायत सिंसवां के वार्ड संख्या 9 (महाराणा प्रताप नगर), महराजगंज से संबंधित है। तिवारी का आरोप है कि श्री सिंह ने जनपद में अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर संपत्ति में असामान्य वृद्धि की है।

उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त कार्यालय द्वारा भेजे गए पत्र में 10 पृष्ठों का विस्तृत प्रारूप भी संलग्न किया गया है, जिसमें विभिन्न प्रकार की संपत्तियों की जानकारी मांगी गई है। इस कार्रवाई को पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

लोकायुक्त कार्यालय का यह आदेश उस समय आया है जब राज्य सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ा रुख अपना रही है। ऐसे मामलों में जहां किसी लोकसेवक के खिलाफ शिकायत की जाती है, वहां सत्यापन के लिए आय और संपत्ति का मिलान करना एक नियमित प्रक्रिया है।

वहीं, आम जनता में इस कार्रवाई को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। लोगों का मानना है कि इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि लोकसेवकों में जवाबदेही की भावना भी विकसित होगी।

इस बीच, श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह से इस मामले में प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। यह देखना बाकी है कि वे नियत तिथि तक सभी दस्तावेजों के साथ जवाब प्रस्तुत करते हैं या नहीं। यदि वे समय पर जानकारी नहीं देते, तो लोकायुक्त कार्यालय द्वारा आगे की कार्रवाई भी की जा सकती है।

रिपोर्टर: सुर्य प्रकाश तिवारी
तारीख: 1 जून, 2025