मनरेगा में बड़ा खेल: मुंडेरी पंचायत के दो कार्यों में कुछ ही व्यक्ति की फोटो से दर्ज की गई 196 मजदूरों की उपस्थिति

मनरेगा में बड़ा खेल: मुंडेरी पंचायत के दो कार्यों में कुछ ही व्यक्ति की फोटो से दर्ज की गई 196 मजदूरों की उपस्थिति


सिसवा ब्लॉक की क्षेत्र पंचायत में मस्टररोल में फर्जी हाजिरी, एक ही दिन में दो कार्यों में कुछ ही मजदूर का फोटो, दूसरी उपस्थिति फोटो गायब; ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि के संरक्षण में भ्रष्टाचार का आरोप

महराजगंज, 03 जुलाई 2025
जनपद महराजगंज के सिसवा ब्लॉक अंतर्गत मुंडेरी ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत चलाई जा रही दो मिट्टी कार्य परियोजनाओं में भारी फर्जीवाड़ा सामने आया है। दोनों कार्यों के लिए दिनांक 03 जुलाई 2025 को NMMS ऐप से ली गई उपस्थिति में चौंकाने वाली समानताएं उजागर हुई हैं।

पहला कार्य “राजदेव के खेत से अहिरौली सिवान होते हुए नदी तक चकरोड पर मिट्टी कार्य” (वर्क कोड: 3152005/LD/958486255824833838) के लिए ली गई समूह फोटो को सुबह 07:09 बजे GPS लोकेशन 27.0690083, 83.7385467 पर अपलोड किया गया।
दूसरा कार्य “धुरई के खेत से गंगा के खेत होते हुए पहलवान बाबा मंदिर तक चकरोड पर मिट्टी कार्य” (वर्क कोड: 3152005/LD/958486255824833835) की फोटो मात्र 15 मिनट बाद, 07:24 बजे GPS लोकेशन 27.0734718, 83.7248292 पर अपलोड हुई।

गौर करने वाली बात यह है कि दोनों कार्यों की पहली फोटो में एक ही महिला — ग्राम पंचायत स्तर की कर्मी ‘समीता गुप्ता’ — मजदूर के रूप में उपस्थित दिखाई दे रही हैं, जबकि दोनों कार्यों के लिए कुल मिलाकर 20 मस्टर जारी कर 196 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है। न केवल एक ही व्यक्ति की उपस्थिति को दो अलग-अलग कार्यों में दिखाया गया है, बल्कि दोनों ही कार्यों के लिए अनिवार्य दूसरी उपस्थिति फोटो (जिसमें कार्यस्थल की उपस्थिति दोबारा दर्ज होती है) को अपलोड ही नहीं किया गया है।

यह सीधे-सीधे सरकारी धन की लूट और मनरेगा जैसे श्रमिकों के हक की योजना में खुला फर्जीवाड़ा है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। वर्षों से बदनाम सिसवा ब्लॉक की क्षेत्र पंचायत अब लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। आरोप है कि ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी के संरक्षण में इस पूरे तंत्र को चला रहे हैं, जहां परशासनिक कर्मी से लेकर पंचायत स्तर के अधिकारी तक उनकी शह पर नियमों को ताक पर रखकर कार्यों का संचालन कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की मांग है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, समस्त मस्टररोल और GPS उपस्थिति की पुन: जाँच कर संबंधित भुगतान को तत्काल रोका जाए।

यदि यही रवैया चलता रहा तो न केवल मनरेगा की साख को गहरी चोट पहुंचेगी, बल्कि ज़रूरतमंद ग्रामीण मजदूरों का हक भी इन भ्रष्ट तंत्रों के बीच दबकर रह जाएगा। जिला प्रशासन को इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने होंगे, ताकि जनता का भरोसा प्रशासनिक व्यवस्था पर बना रह सके।