वन विभाग के भ्रष्टाचार की जांच: शिकायतकर्ता को 19 सितंबर को डीएफओ कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश
महराजगंज के सोहगी बरवा वन्य जीव प्रभाग में भ्रष्टाचार की जांच शुरू, आवश्यक अभिलेखों के साथ शिकायतकर्ता से सहयोग की अपील
महराजगंज, 17 सितंबर 2024 — सोहागी बरवां वन्य जीव प्रभाग, महराजगंज में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) के कार्यालय में जारी एक आधिकारिक पत्र के अनुसार, शिकायतकर्ता श्री श्रीकांत, निवासी रामनगर, नौतनवां को जांच प्रक्रिया में सहयोग करने और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 19 सितंबर 2024 को डीएफओ कार्यालय, महराजगंज में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
इस पत्र के अनुसार, प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश वन निगम, लखनऊ से प्राप्त एक शिकायत के संदर्भ में जांच शुरू की गई है। यह शिकायत सोहगी बरवा वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है। महाप्रबंधक (कार्मिक) श्री सुजॉय बैनर्जी द्वारा इस मामले की जांच की तारीख 19 सितंबर 2024 को निर्धारित की गई है।
श्रीकांत द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर यह जाँच शुरू की गई है, जिसमें प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों की सत्यता की पुष्टि करने के लिए वन विभाग ने जांच का आदेश दिया है। जांच के तहत शिकायतकर्ता से अपेक्षा की जा रही है कि वे जांच अधिकारी के समक्ष आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करेंगे और भ्रष्टाचार से जुड़े बिंदुओं पर जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
शिकायतकर्ता को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि जांच प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग आवश्यक है। जांचकर्ता टीम भ्रष्टाचार से संबंधित सभी पहलुओं की गहन छानबीन करेगी और इसके लिए सभी संबंधित अभिलेखों की मांग की गई है। इस मामले को लेकर वन विभाग ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले की जांच का परिणाम वन्य जीव प्रभाग और वन विभाग की भविष्य की नीतियों और कामकाज पर भी असर डाल सकता है। विभाग ने इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार मुक्त कार्य प्रणाली की प्रतिबद्धता दोहराई है।
श्री श्रीकांत और अन्य संबंधित पक्षों से अनुरोध किया गया है कि वे जांच में पूर्ण सहयोग करें ताकि मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच हो सके।