निजी अस्पतालों की लापरवाही पर सवाल, पीड़ित परिवार ने न्याय की लगाई गुहार
महराजगंज जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम लोहरौली निवासी सिकन्दर चौरसिया ने थाना निचलौल में प्रार्थना पत्र देकर श्री बाला जी हास्पिटल, निचलौल के खिलाफ गलत ऑपरेशन और आर्थिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है।
पीड़ित का आरोप है कि उसने अपनी पत्नी श्रीमती रिंकी देवी (उम्र 40 वर्ष) का बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने के लिए अस्पताल संचालक से संपर्क किया था। आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाने की बात कहने पर संचालक ने बहला-फुसलाकर 20,000 रुपये नकद लेकर ऑपरेशन करने की बात कही। 24 जुलाई 2025 को डॉ. उदयभान मल्ल द्वारा ऑपरेशन किया गया, लेकिन लापरवाही के कारण ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ गई और खून का रिसाव शुरू हो गया।
स्थिति गंभीर होने पर बिना उचित रेफर प्रक्रिया के मरीज को पहले जिला अस्पताल और फिर आशा क्रिटिकल केयर में भर्ती कराया गया, जहां दोबारा ऑपरेशन करना पड़ा और 12 यूनिट ब्लड चढ़ाने के बाद मरीज की जान बचाई जा सकी। इलाज में कुल 1,75,000 रुपये का खर्च हुआ, जबकि अस्पताल संचालक ने वादे के बावजूद कोई आर्थिक सहायता नहीं दी।
पीड़ित परिवार ने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही मुआवजे की गुहार लगाई है। यह घटना न केवल चिकित्सा सेवाओं में बढ़ते निजी अस्पतालों की मनमानी को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि लापरवाही और लालच की वजह से मरीजों की जान तक खतरे में पड़ सकती है।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए यह मामला गंभीर चेतावनी है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई कर मरीजों के अधिकारों और जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।