राजनीतिक दबाव के आगे नहीं झुके डीएम महराजगंज: कोटेदार मोहनलाल का अनुबंध निरस्त, जांच में खुली राशन वितरण की पोल
महराजगंज, 8 अगस्त 2025।
ग्राम पंचायत मेदनीपुर, विकास खंड घुघुली के उचित दर विक्रेता मोहनलाल गुप्ता का अनुबंध राशन वितरण में की गई अनियमितताओं के चलते तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। यह निर्णय जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के अनुमोदन के बाद उप जिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में गठित त्रिस्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस कार्रवाई को रोकने के लिए कई स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश की, लेकिन जिलाधिकारी ने प्रशासनिक नीतियों और जनहित को प्राथमिकता देते हुए निष्पक्ष निर्णय लिया।
शिकायत से उठा मामला
ग्राम प्रधान समितन्जय द्वारा 12 मई 2025 को जिलाधिकारी को लिखित शिकायत दी गई थी कि कोटेदार मोहनलाल गुप्ता कार्डधारकों से अंगूठा लगवाकर राशन वितरण में टालमटोल कर रहे हैं। कई कार्डधारकों को 3 से 5 दिनों बाद राशन दिया गया और कुछ को आज तक नहीं मिला। शिकायत मिलते ही प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच कर तत्काल प्रभाव से अनुबंध पत्र निलंबित कर दिया गया और एक संयुक्त जांच टीम का गठन किया गया।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
जांच टीम में डिप्टी कलेक्टर प्रेम शंकर पांडेय, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी विजय साहनी शामिल थे। टीम ने मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन, कार्डधारकों के बयान और अभिलेखों की जांच की। जांच में यह पाया गया कि कोटेदार द्वारा अंगूठा लगवाने के बाद तत्काल राशन नहीं दिया जाता था। कई कार्डधारकों ने बताया कि उन्हें 3 से 5 दिन बाद राशन दिया गया, जबकि एक लाभार्थी को तो राशन मिला ही नहीं।
जांच में यह भी सामने आया कि स्टॉक रजिस्टर में प्रतिदिन के वितरण की प्रविष्टि नहीं की गई थी। वितरण रजिस्टर में भी कई स्थानों पर केवल अंगूठा या हस्ताक्षर दर्ज कर लिया गया, लेकिन राशन नहीं दिया गया। यह पूरी प्रक्रिया जनवितरण प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है।
अंत्योदय कार्डधारकों से वसूली ज्यादा
जांच में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि अंत्योदय कार्डधारकों से प्रति यूनिट ₹54.00 की दर से लिए जाने वाले चीनी की कीमत ₹55.50 से ₹60.50 तक वसूली गई। यानी तय दर से ₹6.50 अधिक। यह न केवल विभागीय निर्देशों का उल्लंघन था, बल्कि गरीबों के हक पर सीधी चोट भी।
पूर्व में भी रह चुका है निलंबित
गौरतलब है कि मोहनलाल गुप्ता पूर्व में भी अनियमितताओं के चलते निलंबित हो चुके थे। बहाली के समय उन्हें स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि यदि भविष्य में दोबारा गड़बड़ी पाई गई तो अनुबंध पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। बावजूद इसके, उन्होंने नियमों की अवहेलना जारी रखी।
शपथ पत्रों से खुद को बचाने की कोशिश
कोटेदार ने बचाव में 120 कार्डधारकों के शपथ पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें यह दावा किया गया कि उन्हें समय पर और पूरा राशन मिला है। लेकिन जांच में पाया गया कि इनमें से कुछ कार्डधारक ही वास्तविक लाभार्थी नहीं थे या उन्हें राशन समय से नहीं मिला। इससे शपथ पत्रों की विश्वसनीयता भी संदिग्ध हो गई।
ICDS वितरण में भी गड़बड़ी
ICDS योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी में पंजिकृत बच्चों को 12 किग्रा चावल प्रति माह भारत सरकार द्वारा निर्धारित SOP के अनुसार कोटेदार मोहनलाल गुप्ता को सिधे पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों को उपलब्ध कराना था लेकिन उसने ग्राम पंचायत मेदनीपुर में कार्यरत 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के कार्य क्षेत्र में पंजिकृत बच्चों को वर्ष 2021 से अबतक उपलब्ध नहीं कराया और हजारों कुंतल चावल अधिकारीयो की मिलीभगत से कालाबाजारी कर लिया गया जिसकी जांच रिपोर्ट आयुक्त गोरखपुर मंडल के रूख को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी अनुनय झा द्वारा डिप्टी कलेक्टर विजय यादव को सौंपी गई तदूपरान्त पुष्टित हुआ जिसके परिक्षणों उपरांत जिला प्रशासन द्वारा तमाम राजनीतिक पैरवी को दरकिनार करते हुए जिलाधिकारी द्वारा अनुबंध पत्र निरस्त्रीकरण हेतु पत्रावली का अनुमोदन किया गया
राजनीतिक दबाव के बावजूद निष्पक्ष निर्णय
सूत्रों के अनुसार कोटेदार को बचाने के लिए कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक व्यक्तियों ने अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने “शून्य सहिष्णुता” नीति के तहत पारदर्शी और निष्पक्ष जांच को प्राथमिकता दी और अनुबंध निरस्तीकरण की सिफारिश को मंजूरी दे दी।
सख्त संदेश प्रशासन की ओर से
8 अगस्त को उप जिलाधिकारी सदर द्वारा कोटेदार मोहनलाल गुप्ता का अनुबंध समाप्त कर दिया गया। साथ ही, संबंधित विभागों को सूचनार्थ पत्र भी जारी कर दिए गए हैं।
यह कार्यवाही जनहित में एक साहसिक और सराहनीय कदम मानी जा रही है, जो यह संदेश देती है कि शासन भ्रष्टाचार और अनियमितता के प्रति बिल्कुल भी सहनशील नहीं है—चाहे सामने कोई भी हो।