आदेश पत्रक पर फैसला: मोहन लाल की अपील में स्थगन प्रार्थना निरस्त

आदेश पत्रक पर फैसला: मोहन लाल की अपील में स्थगन प्रार्थना निरस्त

गंभीर आरोपों पर अनुबंध रद्द, 17 अक्टूबर को मेरिट पर होगी सुनवाई

गोरखपुर। संयुक्त आयुक्त (खाद्य), गोरखपुर मण्डल कार्यालय से जारी आदेश पत्रक में महराजगंज जिले के घुघली विकासखंड अंतर्गत मेदनीपुर ग्राम पंचायत के कोटेदार मोहन लाल की अपील पर बड़ा निर्णय सुनाया गया है। मोहन लाल ने उपजिलाधिकारी सदर महराजगंज के आदेश (अगस्त 2025) के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें उनके खाद्यान्न दुकान के अनुबंध पत्र को निरस्त कर दिया गया था।

अपील की सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता पक्ष ने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित व निराधार बताते हुए आदेश पर स्थगन की मांग की। वहीं विपक्ष के अधिवक्ता ने इन आरोपों को अत्यंत गंभीर बताते हुए स्थगन प्रार्थना को खारिज करने का अनुरोध किया। मामले पर उच्च न्यायालय में दाखिल रिट संख्या 28916/2025 मोहन लाल बनाम उ.प्र. राज्य व अन्य में भी दो माह के भीतर सुनवाई का निर्देश दिया गया था।

आदेश पत्रक में उल्लेख है कि क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक घुघली द्वारा की गई जांच में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। आरोप है कि कोटेदार द्वारा कार्डधारकों से अंगूठा लगवाकर तत्काल खाद्यान्न न दिया गया, चीनी के मूल्य अधिक वसूले गए और कई बार अंगूठा लगवाने के बाद खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया। इन आरोपों की पुष्टि होने पर उपजिलाधिकारी द्वारा अनुबंध पत्र निरस्त कर दिया गया था।

संयुक्त आयुक्त (खाद्य) मनोज कुमार ने आदेश में कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, ऐसे में स्थगन का कोई औचित्य नहीं बनता। इसलिए अपीलकर्ता का स्थगन प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है। अब इस प्रकरण की मेरिट पर सुनवाई 17 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है।

यह फैसला जिले में कोटेदारों की कार्यप्रणाली और खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पर भी गहन सवाल खड़े करता है।

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