महराजगंज के मदनपुरा गौसदन में गौवंशीय मौतों पर बवाल, मुख्य सचिव से उच्चस्तरीय जांच की मांग

महराजगंज के मदनपुरा गौसदन में गौवंशीय मौतों पर बवाल, मुख्य सचिव से उच्चस्तरीय जांच की मांग

 

समाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार ने अधिकारियों पर अबैध व अपूर्ण कार्रवाई का लगाया आरोप, कहा – दोषियों को बचाने का हो रहा प्रयास

 

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महराजगंज। जिले के विकासखंड मिठौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत मदनपुरा स्थित गौसदन में बड़े पैमाने पर गौवंशीय पशुओं की मौत ने प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाजिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार मनोज कुमार विवारी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

प्रार्थी का आरोप है कि गौसदन में अव्यवस्था, भूखमरी और बीमारियों के चलते बड़ी संख्या में गौवंशीय पशुओं की मौत हुई। मृत पशुओं को खुले में छोड़ दिया गया, जिससे दुर्गंध और संक्रमण का खतरा फैल गया। जब मामला सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में सामने आया तो अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई दिखाते हुए केवल ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया।

मनोज कुमार ने शासनादेश संख्या-ग्राम्य विकास अनुभाग-07, लखनऊ दिनांक 01 दिसम्बर 2023 का हवाला देते हुए कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं में मुख्य जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी, पशुचिकित्सा अधिकारी और जिलाधिकारी की होती है, क्योंकि गौशालाओं के नोडल अधिकारी डीएम होते हैं। इसके बावजूद केवल सचिव पर कार्रवाई करना नियमविरुद्ध और अपूर्ण है।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहा है और पूरे मामले को निचले स्तर पर सीमित कर दिया गया है। उन्होंने मुख्य सचिव से मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, ताकि वास्तविक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

साथ ही, शिकायत के साथ शपथ पत्र, शासनादेश की प्रति और समाचार पत्रों की कटिंग भी संलग्न की गई है। अब देखना होगा कि शासन इस संवेदनशील प्रकरण पर क्या रुख अपनाता है।

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