पिता की पुण्यतिथि पर सैकड़ों बुजुर्गों को कंबल वितरित कर दिया सेवा का उदाहरण

स्वर्गीय रामवृक्ष उपाध्याय की पुण्यतिथि पर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीदेव उपाध्याय ने ठंड से बचाव के लिए सैकड़ों लोगों में कंबल वितरित किए
महराजगंज। घुघुली ब्लॉक के भुवनी ग्राम सभा में किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीदेव उपाध्याय ने अपने पिता स्वर्गीय श्री रामवृक्ष उपाध्याय की 19वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व प्रधानाचार्य श्री नारंग संस्कृत महाविद्यालय के रूप में जाने गए रामवृक्ष उपाध्याय की स्मृति में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक सेवा कार्य आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों जरूरतमंद बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरित किए गए।
श्रद्धांजलि और सेवा का संगम:
कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय रामवृक्ष उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर श्रीदेव उपाध्याय और उनके बड़े भाई ने नर्म आंखों और भावुक हृदय से अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा, “हमारे पिता ने हमें हमेशा समाज सेवा का महत्व सिखाया। यह आयोजन उसी शिक्षा और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का प्रयास है।”
कंबल वितरण में सैकड़ों लाभान्वित:

कार्यक्रम में आसपास के गांवों से आए सैकड़ों बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। कंबल प्राप्त कर लोगों ने सर्दी के मौसम में राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने इस कार्य के लिए श्रीदेव उपाध्याय और उनके परिवार की सराहना की।
इस अवसर पर भारतीय किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, “स्वर्गीय रामवृक्ष उपाध्याय जैसे व्यक्तित्व की पुण्यतिथि पर इस प्रकार का आयोजन समाज सेवा का सबसे उत्तम उदाहरण है। यह न केवल उनकी स्मृति को जीवंत रखता है, बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा भी देता है।”
कार्यक्रम में ग्रामीणों के साथ-साथ किसान संघर्ष समिति के अन्य सदस्य और क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित लोग भी उपस्थित थे। महिलाओं और बुजुर्गों ने इस आयोजन की सराहना करते हुए इसे प्रेरणादायक बताया।
गरीबों के चेहरे पर मुस्कान:
कंबल वितरण से लाभान्वित हुए बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। कंबल प्राप्त करने वाले बुजुर्गों ने इस अवसर पर आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस कठिन समय में उन्हें सर्दी से बचाने के लिए ऐसा प्रयास बेहद महत्वपूर्ण है।
पुत्र का भावुक संदेश:
कार्यक्रम के अंत में श्रीदेव उपाध्याय ने कहा, “यह कंबल वितरण केवल एक सेवा कार्य नहीं है, बल्कि हमारे पिता के प्रति हमारी श्रद्धा और उनके आदर्शों को साकार करने का माध्यम है। उन्होंने हमें सिखाया कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी ही सबसे बड़ी पूजा है।”
समाज के लिए प्रेरणा:
यह आयोजन केवल एक परिवार द्वारा अपने पिता को श्रद्धांजलि देने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज में सेवा, दान और संवेदनशीलता का संदेश भी फैलाया। ग्रामीणों ने इस आयोजन को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया और इसे एक मिसाल के रूप में देखा।
इस सेवा कार्य ने न केवल स्वर्गीय रामवृक्ष उपाध्याय की पुण्यतिथि को यादगार बनाया, बल्कि सर्दी से जूझ रहे सैकड़ों लोगों के जीवन में राहत और खुशी भी लाई।