महराजगंज में भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर संजय पांडे की वापसी – सियासी समीकरण और गुटबाजी पर फुल स्टॉप
जातीय राजनीति को दरकिनार कर हाईकमान का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश में भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद महराजगंज जिले की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। जातीय समीकरण और संगठनात्मक गुटबाजी को दरकिनार करते हुए भाजपा ने एक बार फिर से संजय पांडे (अशोक पांडे उर्फ संजय पांडे) पर भरोसा जताया और उन्हें पुनः जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है।
इस नियुक्ति के साथ ही महराजगंज जिले में भाजपा के भीतर चल रही खींचतान और लॉबिंग पर विराम लग गया है। बीते कुछ महीनों से इस पद के लिए कई दावेदारों के बीच होड़ मची थी, लेकिन हाईकमान ने एक अनुभवी चेहरे को तरजीह देकर सभी दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
जिलाध्यक्ष पद के लिए चली लंबी सियासी जंग

भाजपा जिलाध्यक्ष का पद पार्टी संगठन में बेहद अहम होता है। यह व्यक्ति न केवल जिले में भाजपा का नेतृत्व करता है, बल्कि आगामी चुनावों के लिए संगठन की रणनीति भी तैयार करता है। यही वजह है कि इस पद के लिए कई दावेदारों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
इस बार महराजगंज में भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए अरुणेश शुक्ला, परदेशी रबिदास, प्रदीप सिंह, ओम प्रकाश पटेल, आशुतोष शुक्ला, अरुण शुक्ला और अश्विनी सिंह सहित कई नाम चर्चा में थे।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा थी कि शहर के एक बड़े जमीन कारोबारी ने भी इस पद के लिए जोर लगाया था। कहा जा रहा था कि उन्होंने पार्टी के कई बड़े नेताओं तक अपनी पहुंच बनाई थी, लेकिन अंततः हाईकमान ने संजय पांडे के अनुभव को प्राथमिकता दी।
गुटबाजी और लॉबिंग के बावजूद संजय पांडे का दबदबा
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, महराजगंज में जिलाध्यक्ष पद को लेकर गुटबाजी चरम पर थी। पार्टी के दो गुटों में इसे लेकर भारी रस्साकशी चल रही थी। कुछ दावेदारों ने दिल्ली तक पैरवी करवाई, तो कुछ ने लखनऊ में बड़े नेताओं से संपर्क साधा।
सूत्र बताते हैं कि एक दावेदार ने भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय तक अपनी सिफारिश पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन अंततः हाईकमान ने संजय पांडे के नाम पर मुहर लगा दी।
जातीय समीकरण पर हाईकमान का बड़ा संदेश
महराजगंज में भाजपा जिलाध्यक्ष पद को लेकर जातीय समीकरणों की बड़ी भूमिका मानी जा रही थी। कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार किसी ओबीसी या दलित समुदाय से आने वाले व्यक्ति को मौका मिल सकता है। लेकिन हाईकमान ने ब्राह्मण समुदाय से आने वाले संजय पांडे को फिर से नियुक्त कर जातीय राजनीति को दरकिनार करने का संकेत दिया।
हालांकि, इस फैसले के बाद भाजपा के कुछ असंतुष्ट गुटों में हलचल जरूर है, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चाहता था कि एक अनुभवी और संगठन को भली-भांति समझने वाला व्यक्ति इस पद पर रहे।
भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
संजय पांडे की नियुक्ति के बाद उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। महराजगंज के भाजपा कार्यालय में जश्न का माहौल देखा गया। कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी कर अपनी खुशी जाहिर की।
एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने कहा –
“संजय पांडे संगठन के मजबूत स्तंभ हैं। वे पार्टी के लिए हमेशा समर्पित रहे हैं। उनका फिर से जिलाध्यक्ष बनना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा।”
2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू
भाजपा जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को सिर्फ संगठनात्मक बदलाव तक सीमित नहीं माना जा सकता। यह फैसला सीधे 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति से जुड़ा हुआ है।
संजय पांडे को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी आगामी चुनावों को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। संगठन में किसी नए चेहरे को लाने की बजाय, पार्टी ने अनुभवी नेता पर ही दांव खेला है।
हाईकमान का स्पष्ट संदेश – संगठन में एकता बनी रहे
भाजपा ने इस फैसले के जरिए महराजगंज जिले में यह संदेश भी दिया है कि संगठन के भीतर गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बीते कुछ महीनों से महराजगंज में पार्टी के दो गुटों के बीच तनातनी थी। लेकिन अब संजय पांडे की नियुक्ति के बाद यह साफ हो गया है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसी भी प्रकार की गुटबाजी को बढ़ावा नहीं देना चाहता।
अब आगे क्या?
संजय पांडे के सामने अब कई बड़ी चुनौतियां होंगी –
- संगठन को मजबूत करना – आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी के सभी गुटों को एक साथ लाना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी।
- जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना – बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता होगी।
- विपक्ष को टक्कर देना – महराजगंज में विपक्षी दल भी अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं, ऐसे में भाजपा को अपनी स्थिति और मजबूत करनी होगी।
अंतिम विचार
महराजगंज में भाजपा जिलाध्यक्ष पद की इस लड़ाई में आखिरकार संजय पांडे विजयी हुए। जातीय समीकरण, गुटबाजी और लॉबिंग के तमाम प्रयासों के बावजूद हाईकमान ने एक अनुभवी नेता पर भरोसा जताया।
अब देखने वाली बात यह होगी कि संजय पांडे अपनी दूसरी पारी में किस तरह संगठन को आगे ले जाते हैं और क्या वे 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिले में और मजबूत कर पाते हैं या नहीं।
लेकिन फिलहाल, भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है और महराजगंज की राजनीति में एक बार फिर से संजय पांडे का कद बढ़ गया है।