मनरेगा घोटाला: निचलौल ब्लॉक में होली के दिन फर्जी मस्टरोल से लाखों की हेराफेरी का खुलासा

मनरेगा घोटाला: निचलौल ब्लॉक में होली के दिन फर्जी मस्टरोल से लाखों की हेराफेरी का खुलासा

तेजी से अपलोड हुए फर्जी फोटो, 3 मिनट में तीन जगह की उपस्थिति का खेल!

महाराजगंज – जिले के निचलौल ब्लॉक में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत चल रही योजनाओं में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। होली के दिन 14 मार्च 2025 को सरकारी अवकाश होने के बावजूद 8 ग्राम सभाओं में फर्जी मस्टरोल लगाकर लाखों रुपये का भुगतान करने का खेल खेला गया।

यह खुलासा तब हुआ जब कुछ सतर्क नागरिकों और स्थानीय पत्रकारों ने मनरेगा कार्यों की गहराई से जांच की। पर्दाफाश न्यूज़ की टीम ने जब इन कार्यों के मस्टरोल और अपलोड हुई तस्वीरों की पड़ताल की तो पाया कि कुछ ही मिनटों के अंतराल पर अलग-अलग स्थानों पर एक ही फोटो को अपलोड किया गया है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

मनरेगा के तहत काम करने वाले रोजगार सेवकों ने ऐसा जाल बिछाया कि बगैर किसी वास्तविक कार्य के ही मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करा दी और फर्जी फोटो अपलोड कर दिए।

ग्राम पंचायत अमडी़ में खेल

रोजगार सेवक नील रतन पटेल द्वारा 8:50 से 8:52 के बीच तीन अलग-अलग स्थानों के कार्यों के फोटो अपलोड कर दिए गए, जो संभव ही नहीं है।

1. रुदल के घर से रविंद्र के बगीचे तक चकबंदी कार्य – मस्टरोल संख्या 41962, समय 8:52

2. रामप्रीत के खेत से पुलिया तक बांधा निर्माण कार्य – मस्टरोल संख्या 41966, समय 8:51

3. कब्रिस्तान से दक्षिण अराजी हीरा कथिक सिवान तक नाला खुदाई कार्य – मस्टरोल संख्या 42199, समय 8:5

 

आश्चर्यजनक बात यह है कि तीनों साइट्स पर केवल 3 मिनट में ही फोटो खींचकर अपलोड कर दिए गए, जबकि सभी फोटो में एक ही मजदूर दिख रहा है। सवाल उठता है कि 1 मिनट में दो अलग-अलग साइट्स पर फोटो कैसे खींचा जा सकता है?

ग्राम पंचायत रामचंद्रही: 6 मिनट में दूसरी साइट पर हाजिरी!

ग्राम पंचायत रामचंद्रही में भी नील रतन पटेल की रफ्तार काबिले-तारीफ रही।

1. पारस के खेत से बनवारी के खेत तक चकबंदी कार्य – मस्टरोल संख्या 41816, समय 8:44

2. विजय नाथ के खेत से करमाहिया सिवान तक चकबंदी कार्य – मस्टरोल संख्या 42268, समय 8:28

3. रामचंद्रही व लेदी के मध्य बांधा निर्माण कार्य – मस्टरोल संख्या 42283 से 42290, समय 8:21

 

सात मस्टरोलों पर एक ही फोटो अपलोड किया गया और 6 मिनट में ही रोजगार सेवक दूसरी साइट पर पहुंच गए।

टिकुलिया: छुट्टी के दिन शाम 6:10 बजे भी फर्जी कार्य जारी!

होली के दिन शाम 6:10 बजे भी रोजगार सेवक नील रतन पटेल ने टिकुलिया में मजदूरों की उपस्थिति दर्शा दी।

1. प्रभु के खेत से सुरेश के खेत तक नाला खुदाई – मस्टरोल संख्या 41985 से 41989, समय 6:10

2. लालजी के घर से निचलौल सिवान तक नाला खुदाई – मस्टरोल संख्या 42317 से 42327, समय 6:07

 

केवल 3 मिनट के अंतराल पर दूसरी साइट का भी फोटो अपलोड कर दिया गया।

भेडिहारी: 3 मिनट में 3 जगह पहुंचने का करिश्मा!

यहां के रोजगार सेवक जय गिरीश पटेल ने भी फर्जीवाड़े का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

1. रामचंद्र के खेत से गोपाल के खेत तक नाला खुदाई – मस्टरोल संख्या 42060 से 42066, समय 6:10

2. गोसाईपुर में खड़ंजा से सुबास के खेत तक नाला खुदाई – समय 6:08

3. मेन तिराहा से गेडहवां सिवान तक चकबंदी कार्य – समय 6:05

 

5 मिनट के अंदर तीन जगह के फोटो अपलोड कर दिए गए, जिनमें एक ही फोटो इस्तेमाल किया गया!

करदह में रात्रि 8:24 पर मनरेगा कार्य!

यहां के रोजगार सेवक सुरेंद्र सहानी ने तो रात 8:24 पर भी मनरेगा कार्य जारी रखे!

1. करदह व कटखोर सिवान के मध्य चकबंदी कार्य – मस्टरोल संख्या 42096 से 42106, समय 8:24

 

फोटो में पीछे घर और लाइट दिख रही थी, जिससे साफ हो गया कि यह फोटो कार्य स्थल का नहीं था।

रुद्रोली, और सीधावें में भी धांधली

रोजगार सेवक दिग्विजय चौधरी और अगिश पटेल ने भी शाम 6:33 बजे और सुबह 6:32 बजे तक फर्जी मस्टरोल अपलोड किए।

1. रुद्रोली: वीरेंद्र के खेत से विजय के खेत तक चकबंद कार्य – मस्टरोल संख्या 42203, समय 6:33

2. सिधावें में मेन पिच रोड से सामुदायिक शौचालय तक इंटरलॉकिंग कार्य – मस्टरोल संख्या 41858 से 41859, समय 9:29

3. : सिधावें में भुल्लन के खेत से राजकुमार के खेत तक नाली खुदाई कार्य – मस्टरोल संख्या 41945 और 41944, समय 6:32

 

सवाल यह है कि होली के दिन कौन लेबर सुबह 6:32 बजे कार्य करेगा?

प्रशासन की चुप्पी, जांच की मांग

इस बड़े घोटाले को लेकर गांव के लोग और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन से सख्त जांच की मांग कर रहे हैं।

मुख्य सवाल:

1. 3 से 5 मिनट में रोजगार सेवक एक से दूसरी जगह कैसे पहुंचे?

2. एक ही मजदूर का फोटो अलग-अलग कार्य स्थलों पर कैसे दिख रहा है?

3. छुट्टी के दिन होली के बाद रात में कैसे काम हुआ?

4. क्या जिम्मेदार अधिकारियों की इसमें मिलीभगत है?

 

निष्कर्ष

मनरेगा जैसी सरकारी योजना का दुरुपयोग करके ग्राम पंचायतों के रोजगार सेवक और अधिकारी सरकारी धन को बंदरबांट कर रहे हैं।

यदि जल्द ही गंभीर जांच नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह घोटाला और बढ़ सकता है।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।