गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद कल देशभर के 244 जिलों में होगी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल
259 चिन्हित जिलों में से चयनित 244 जिलों में 7 मई को एक साथ आयोजित होगी आपातकालीन तैयारी की बड़ी अभ्यास प्रक्रिया, सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों का होगा मूल्यांकन
नई दिल्ली, 6 मई 2025 — भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह ड्रिल 7 मई 2025 को एक साथ आयोजित की जाएगी। यह फैसला रक्षा मंत्रालय द्वारा नागरिक सुरक्षा के लिए निर्धारित नए मापदंडों के तहत संशोधित 259 जिलों की सूची जारी करने के बाद लिया गया है। इसका उद्देश्य देशव्यापी आपातकालीन तैयारियों की जांच करना और नागरिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना है।
गृह मंत्रालय की इस एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि मॉक ड्रिल का आयोजन जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं के समन्वय से किया जाएगा। अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य यह देखना है कि किसी आपदा या आकस्मिक परिस्थिति में नागरिक सुरक्षा तंत्र कितनी प्रभावी और समयबद्ध प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
ड्रिल के दौरान क्या होगा:
ड्रिल के दौरान विस्फोट, आग लगना, बाढ़, रासायनिक रिसाव जैसी कृत्रिम आपदाओं की स्थिति तैयार की जाएगी, और उन पर प्रतिक्रिया का अभ्यास किया जाएगा। जिलों में चेतावनी प्रणाली, आपातकालीन निकासी, राहत शिविरों की स्थापना, प्राथमिक चिकित्सा, यातायात नियंत्रण और संचार व्यवस्था का परीक्षण किया जाएगा।
244 जिलों का हुआ चयन
259 जिलों की नागरिक सुरक्षा सूची में से 244 जिलों को मॉक ड्रिल के लिए चुना गया है। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, हैदराबाद जैसे मेगा शहरों के साथ-साथ सीमावर्ती और संवेदनशील जिले जैसे डिब्रूगढ़, तवांग, जम्मू, श्रीनगर, इम्फाल, और राउरकेला भी शामिल हैं।
नागरिकों से सहयोग की अपील:
गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं और प्रशासन का पूरा सहयोग करें। यह एक अभ्यास प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नागरिकों को सुबह से शाम तक चलने वाली इस ड्रिल के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन और अस्थायी प्रतिबंधों की जानकारी स्थानीय प्रशासन द्वारा पहले ही दी जा रही है।
रक्षा मंत्रालय की पृष्ठभूमि में यह कदम:
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्रालय ने 29 सितंबर 2005 और 31 अक्टूबर 2005 को जारी अपने निर्देशों के आधार पर देशभर के 259 जिलों को तीन श्रेणियों—कैटेगरी-I (13 जिले), कैटेगरी-II (45 जिले) और कैटेगरी-III (201 जिले)—में विभाजित किया था। यह विभाजन सामरिक महत्व, औद्योगिक गतिविधियों, आबादी की सघनता और भौगोलिक संवेदनशीलता जैसे मानकों पर आधारित है।
पूर्वोत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान:
नई सूची में असम, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों को विशेष महत्व दिया गया है। इन क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूती देने के उद्देश्य से अतिरिक्त संसाधन और प्रशिक्षित बलों की तैनाती की योजना है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह अभ्यास एक समयबद्ध और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे यह आकलन होगा कि ज़मीनी स्तर पर हमारी टीमें आपदा की स्थिति में कितनी सजग और प्रभावी हैं।”
244 जिलों में होने वाली यह मॉक ड्रिल न केवल नागरिक सुरक्षा ढांचे को जाँचने का अवसर है, बल्कि यह आम नागरिकों को जागरूक करने और उन्हें आपदा प्रबंधन में सहभागी बनाने का भी सशक्त माध्यम है। आने वाले समय में इस तरह के अभ्यास नियमित रूप से कराए जाने की योजना पर भी विचार कि जा रहा है।