मोदी के भरोसेमंद IAS कौशल राज शर्मा दिल्ली तलब: लखनऊ में 14 दिन भी नहीं रुके, अब मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मोदी के भरोसेमंद IAS कौशल राज शर्मा दिल्ली तलब: लखनऊ में 14 दिन भी नहीं रुके, अब मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

IAS कौशल राज शर्मा

वाराणसी से लखनऊ ट्रांसफर के सिर्फ दो हफ्ते बाद प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलाए गए कौशल राज शर्मा, पीएम मोदी के करीबी अफसर माने जाते हैं

लखनऊ/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद आईएएस अफसर कौशल राज शर्मा को अचानक लखनऊ से दिल्ली बुला लिया गया है। अभी 14 दिन पहले ही उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सचिव बनाकर वाराणसी से लखनऊ ट्रांसफर किया गया था। लेकिन, अब केंद्र सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर AGMUT कैडर में बुलाया है। माना जा रहा है कि दिल्ली में उन्हें बेहद अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।

कौशल राज शर्मा, 2006 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 6 वर्षों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। पहले वे वाराणसी के जिलाधिकारी रहे और बाद में वहीं के मंडलायुक्त बनाए गए। उनके नेतृत्व में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण और कोविड प्रबंधन जैसे कार्यों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई। फेम इंडिया मैगजीन ने उन्हें देश के 50 श्रेष्ठ IAS अफसरों में शामिल किया था।

योगी सरकार में असहजता, जॉइन नहीं किया सीएम ऑफिस

सूत्रों की मानें तो कौशल राज शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने को लेकर असहजता जताई थी। इसी कारण उन्होंने लखनऊ ट्रांसफर के बाद भी करीब 15 दिन तक सीएम सचिवालय में जॉइन नहीं किया। यह स्थिति प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बनी रही। बताया जा रहा है कि उनकी दिल्ली प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया उसी दौरान शुरू कर दी गई थी।

दिल्ली में मिल सकती है पीएमओ या सीएम सचिवालय में जिम्मेदारी

अब कौशल राज शर्मा को प्रतिनियुक्ति पर AGMUT कैडर में भेजा गया है। ऐसी संभावना है कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में निदेशक पद पर नियुक्त किया जा सकता है। वर्तमान में पीएमओ में यूपी कैडर का कोई अफसर नहीं है, ऐसे में कौशल राज शर्मा को यूपी से जुड़े मामलों की जिम्मेदारी मिल सकती है। दूसरी ओर, कुछ सूत्रों का दावा है कि उन्हें दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री का सचिव भी बनाया जा सकता है।

वाराणसी से प्रयागराज होते हुए फिर वाराणसी और अब दिल्ली

कौशल राज शर्मा का ट्रांसफर इतिहास भी काफी दिलचस्प रहा है। नवंबर 2019 में उन्होंने वाराणसी के डीएम का कार्यभार संभाला था। अक्टूबर 2022 में वे वहीं के मंडलायुक्त बन गए। इसके बाद एक बार उनका तबादला प्रयागराज मंडलायुक्त के रूप में कर दिया गया था, लेकिन आधी रात को वह आदेश निरस्त कर दिया गया। इसके बाद वे वाराणसी में ही बने रहे।

अभी कुछ दिन पहले ही विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी के मद्देनजर वाराणसी से उनका ट्रांसफर लखनऊ किया गया था। कहा गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके अनुभव का लाभ लिया जाएगा। लेकिन, अब दिल्ली बुलाए जाने के फैसले से एक बार फिर साफ हो गया है कि कौशल राज शर्मा केंद्र की प्राथमिकता में हैं और उन्हें बड़ी प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल

कौशल राज शर्मा की यह नियुक्ति यूपी के प्रशासनिक गलियारों में हलचल पैदा कर चुकी है। एक ओर योगी सरकार में उनकी भूमिका को लेकर चर्चाएं थीं, तो अब केंद्र में उनकी नई पारी पर निगाहें टिकी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, 2024 के आम चुनाव के बाद पीएम मोदी प्रशासनिक टीम को फिर से मजबूत करना चाहते हैं, और कौशल राज शर्मा जैसे विश्वसनीय अफसरों को केंद्र में लाना उसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।