बड़ी खबर: कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और बीजेपी नेता के बीच सरेआम हाथापाई

 बड़ी खबर: कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और बीजेपी नेता के बीच सरेआम हाथापाई

जमीन विवाद बना टकराव की वजह, बीजेपी नेता की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा, पुलिस जुटी जांच में

महराजगंज। जिले की सियासत उस वक्त गर्मा गई जब बुधवार देर शाम कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष शरद कुमार उर्फ बबलू सिंह और भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष कोषाध्यक्ष ठाकुर रौनियार के बीच एक चाय की दुकान के पास तीखी बहस के बाद हाथापाई हो गई। यह अप्रत्याशित टकराव भिटौली थाना क्षेत्र में हुआ, जहां दोनों नेता आमने-सामने आ गए और राजनीतिक गरिमा को ताक पर रखकर सरेआम झगड़ पड़े।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले दोनों में तीखी बहस हुई, जो जल्दी ही गाली-गलौज और फिर हाथापाई में तब्दील हो गई। स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन तब तक दोनों एक-दूसरे पर हाथ छोड़ चुके थे। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जुट गई और पुलिस को सूचना दी गई।

जमीन विवाद बना टकराव की वजह

सूत्रों के अनुसार, विवाद की जड़ एक पुश्तैनी भूमि है, जिसे लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले से तनाव चल रहा था। इस भूमि को लेकर पहले भी कई बार कहासुनी हो चुकी थी, लेकिन इस बार मामला सड़कों तक आ पहुंचा। बताया जा रहा है कि दोनों नेता एक ही गांव या क्षेत्र से संबंध रखते हैं, जिससे निजी रंजिश के साथ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा भी इस विवाद का अहम कारण मानी जा रही है।

बीजेपी नेता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज

भिटौली थानाध्यक्ष मदन मोहन मिश्रा ने पर्दा फाश न्यूज 24×7 से बातचीत में बताया कि बीजेपी नेता ठाकुर रौनियार की ओर से लिखित तहरीर प्राप्त हुई है। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 131/25, धारा 323 (मारपीट) और 506 (धमकी) आईपीसी के तहत दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि घटना की सच्चाई सामने लाई जा सके।

कांग्रेस नेता की ओर से नहीं दी गई तहरीर

अब तक कांग्रेस नेता शरद कुमार की ओर से किसी प्रकार की लिखित शिकायत या तहरीर नहीं दी गई है। पुलिस के मुताबिक, यदि दूसरी ओर से भी शिकायत आती है तो उसका भी परीक्षण किया जाएगा। फिलहाल एकतरफा मुकदमे के आधार पर कार्रवाई प्रारंभ की गई है।

स्थानीय जनता में नाराजगी

इस विवाद के बाद क्षेत्र में राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण हो गया है। आम नागरिकों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों से संयम की अपेक्षा की जाती है। इस तरह की घटनाएं जनता के बीच राजनीति की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं और समाज में गलत संदेश जाता है।

पुलिस की निष्पक्ष जांच का भरोसा

पुलिस का कहना है कि घटना से जुड़े सभी तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं और निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है। थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

👉 फिलहाल पुलिस द्वारा जांच जारी है और सियासी गलियारों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।