इलाहाबाद बैंक शाखा सोहरौना तिवारी में फर्जी दस्तावेजों पर लोन!

दलालों ने किया कूटरचित आधार कार्ड व फोटो का इस्तेमाल, पीड़ित के नाम पर ₹2.70 लाख का ऋण, भौतिक सत्यापन की मांग
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महराजगंज, उत्तर प्रदेश।
जनपद महराजगंज के सिसवा बाजार क्षेत्र के खेसरारी गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) की सोहरौना तिवारी शाखा पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण वितरण का गंभीर आरोप लगा है। शिकायतकर्ता छांगुर पुत्र त्रिवेनी ने वित्त मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र भेजकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
शिकायत के अनुसार, छांगुर पुत्र त्रिवेनी के नाम पर उनके ही गाँव के एक व्यक्ति—छांगुर पुत्र नेउर ने फर्जी आधार कार्ड एवं फोटो का इस्तेमाल कर बैंक से ₹2,70,000 का ऋण ले लिया। पीड़ित को इस धोखाधड़ी की जानकारी तब हुई जब बैंक का एक कर्मचारी वसूली के लिए उनके घर पहुंचा। कागजातों की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि फर्जी पहचान का सहारा लेकर बैंक लोन लिया गया है।
प्रार्थी द्वारा इस संबंध में स्थानीय थाना कोठीभार में शिकायत भी की गई, लेकिन अभी तक कोई विधिक कार्यवाही नहीं हुई है। इससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि इस पूरे प्रकरण में बैंक के कुछ कर्मचारी या अधिकारी भी संलिप्त हो सकते हैं।
पीड़ित ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि यह केवल एक मामला नहीं है, बल्कि इस बैंक शाखा में बड़े पैमाने पर दलालों और बिचौलियों की मिलीभगत से कई फर्जी ऋण बांटे गए हैं। उन्होंने वित्त मंत्रालय से इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने तथा फर्जीवाड़ा करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला ना सिर्फ एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि बैंकिंग व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और निगरानी की कमजोरियों को भी उजागर करता है। यदि समय रहते इस प्रकार के मामलों की गंभीरता से जांच नहीं की गई, तो ऐसे फर्जीवाड़े ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक बढ़ सकते हैं। अब देखना यह होगा कि क्या वित्त मंत्रालय इस शिकायत पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करता है या नहीं।