विधवा महिला से ठगी का सनसनीखेज मामला : तिरुपति गैलेक्सी के मालिक अभिनाश चौरसिया पर गंभीर आरोप
गोरखपुर जिले में एक विधवा महिला के साथ हुई ठगी का मामला सामने आया है जिसने समाज और प्रशासन दोनों को झकझोर कर रख दिया है। तुलसीदेई, पतरा बाजार, थाना पिपराइच निवासी रंजना चौरसिया, जिनके पति का निधन हो चुका है, ने तिरुपति गैलेक्सी के मालिक अभिनाश चौरसिया और उनकी पत्नी निर्मला देवी पर 12 लाख रुपये की जालसाजी का आरोप लगाया है।
कैसे हुआ धोखा
रंजना चौरसिया का कहना है कि पति की मृत्यु के बाद वे अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए जमीन खरीदना चाहती थीं। तभी अभिनाश चौरसिया उनके घर आए और मानीराम क्षेत्र में विकसित की जा रही कॉलोनी में 2000 वर्गफीट का प्लॉट दिलाने का झांसा दिया। विश्वास दिलाने के बाद महिला ने करीब 12 लाख रुपये का भुगतान किया। इसमें से 10 लाख रुपये बैंक खाते से ट्रांसफर किए गए और 2 लाख रुपये नगद दिए गए।
दिनांक 08 जुलाई 2020 को अविनाश की पत्नी निर्मला देवी ने रजिस्ट्री कर दी। शर्त यह थी कि एक माह के भीतर जमीन पर बाउंड्री बनाकर कब्जा दे दिया जाएगा। लेकिन समय बीतने के बाद भी महिला को न तो कब्जा मिला और न ही उनकी बात सुनी गई।
फर्जी बैनामा का खुलासा
जब महिला ने कागज की जांच कराई तो यह बड़ा खुलासा हुआ कि जिस गाटा संख्या 1335ख पर बैनामा हुआ है, वह गाटा नंबर ही अस्तित्व में नहीं है। यह साफ हो गया कि महिला को सुनियोजित तरीके से ठगा गया है।
धमकी और अभद्रता का आरोप
रंजना चौरसिया ने बताया कि 23 जुलाई 2025 को जब वह अपने परिचितों के साथ अविनाश चौरसिया से मिलने जा रही थीं, तो रास्ते में बशारतपुर स्थित चर्तुवेदी अस्पताल के पास उनकी मुलाकात हुई। वहां उन्होंने रोते हुए पैसे लौटाने की गुहार लगाई। इस पर अविनाश आगबबूला हो गए और गंदी-गंदी गालियां देने लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी।
विधवा महिला की गुहार
रंजना चौरसिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजकर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पति के निधन के बाद बच्चों की जिम्मेदारी अकेले संभालना कठिन हो गया है। इस ठगी ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को हिला दिया है, बल्कि उनके बच्चों का भविष्य भी संकट में डाल दिया है।
यह मामला केवल एक महिला की ठगी का नहीं बल्कि उन तमाम महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों का प्रतीक है, जिन्हें अक्सर भू-माफिया और संपत्ति कारोबार में सक्रिय लोग अपना शिकार बनाते हैं। प्रशासन से उम्मीद है कि इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी ठग खुलेआम गरीब और असहाय लोगों की मेहनत की कमाई न लूट सके।