महराजगंज में मदरसा शिक्षा माफियाओं पर गंभीर आरोप, जिलाधिकारी से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
महराजगंज। जिले में मदरसा शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा विवाद गहराता जा रहा है। आरोप है कि मदरसा शिक्षा माफियाओं का एक सक्रिय गिरोह विभागीय अधिकारियों व पटल सहायकों की मिलीभगत से न केवल वैध प्रबंधन समितियों को अवैध घोषित कराता है, बल्कि शिक्षकों व कर्मचारियों को निलंबन और निष्कासन की धमकी देकर धन उगाही भी करता है। इस पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी महराजगंज को एक विस्तृत प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस गिरोह में प्रमुख रूप से जुल्फेकार अहमद सिद्दीकी, आबिद अली, अंजुम कादरी और मोहम्मद सेराज लारी सक्रिय हैं। इनकी विभागीय अधिकारियों तक गहरी पकड़ है। आरोप है कि यह लोग फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने परिजनों की नियुक्तियां कराते हैं और सरकारी धन का बंदरबांट करते हैं। जुल्फेकार अहमद सिद्दीकी पर आरोप है कि वह स्वयं को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री का करीबी बताकर अधिकारियों पर दबाव बनाते हैं और वैध समितियों को प्रताड़ित करते हैं।

दस्तावेजों के अनुसार, सिद्दीकी के भाइयों और बहनोई को महराजगंज और कुशीनगर के कई मदरसों में अवैध तरीके से नियुक्त किया गया। शिकायत यह भी है कि ये लोग हफ्ते में एक दिन ही मदरसा जाकर उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर कर लेते हैं, जबकि बायोमेट्रिक मशीन पर कृत्रिम फिंगर प्रिंट के जरिए हाजिरी दर्ज होती है।
इसी तरह आबिद अली और अंजुम कादरी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी प्रबंधन समितियां बनाकर अपने रिश्तेदारों की नियुक्तियां कीं। मदरसा विनियमावली 2016 में प्रावधान है कि प्रबंध समिति एवं प्रधान के सगे संबंधियों की नियुक्ति उसी मदरसे में नहीं हो सकती, लेकिन इन नियमों की खुली अनदेखी की गई। कई मामलों में शिकायतकर्ताओं को सूचना अधिकार के तहत मांगी गई अभिलेख प्रतियां भी उपलब्ध नहीं कराई गईं।
प्रार्थी आलसगीर, निवासी बजुरिपा पाठे नरिया, महराजगंज ने अपने पत्र में कहा है कि शिक्षा माफियाओं की इस गहरी जड़ें जमा चुकी गड़बड़ी में विभागीय अधिकारी और पटल सहायक भी संलिप्त हैं। जांच के नाम पर पहले से सूचना देकर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है और शिकायतें निराधार बताकर खारिज कर दी जाती हैं।
प्रार्थना पत्र में जिलाधिकारी से मांग की गई है कि इस पूरे नेटवर्क की निष्पक्ष जांच किसी सक्षम प्राधिकारी से कराई जाए और दोषी प्रबंधकों, शिक्षा माफियाओं व सहयोगी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि मदरसा शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और ईमानदारी कायम रह सके।
दिनांक 4 जुलाई 2025 को दिए गए इस आवेदन ने जिले में मदरसा शिक्षा से जुड़े भ्रष्टाचार पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।