खलिहान की भूमि पर ग्राम प्रधान का अवैध कब्ज़ा!

खलिहान की भूमि पर ग्राम प्रधान का अवैध कब्ज़ा!

महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र में ग्रामीण ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत, अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

महराजगंज।
जिले के निचलौल तहसील क्षेत्र में ग्राम सभा की खलिहान भूमि पर अवैध कब्ज़े का मामला गहराता जा रहा है। ग्राम कटहरी कला निवासी सरफराज पुत्र एकमाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मौजूदा ग्राम प्रधान मोहियुद्दीन पुत्र उस्मान और उनके भाइयों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि ग्राम प्रधान ने दबंगई और अधिकारियों से मिलीभगत कर खलिहान की जमीन पर पक्का मकान बना लिया है।

वर्षों से जारी विवाद, 2003 में हुआ था बेदखली आदेश

शिकायतकर्ता के अनुसार, संबंधित भूमि गाटा संख्या 193 (क्षेत्रफल 0.368 हे.) ग्राम सभा के खलिहान खाते में दर्ज है। वर्ष 2003 में इस भूमि पर कब्ज़े को लेकर तहसीलदार और एसडीएम न्यायालय में वाद संख्या 74/156 चला था। उस दौरान एसडीएम निचलौल ने ग्राम प्रधान मोहियुद्दीन पर जुर्माना लगाते हुए भूमि खाली करने का आदेश पारित किया था। लेकिन आदेश के बावजूद ग्राम प्रधान ने जमीन खाली नहीं की, बल्कि और अधिक निर्माण कार्य कराते रहे।

अधिकारियों से मिलीभगत का आरोप

सरफराज ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान ने एसडीएम कार्यालय और तहसील प्रशासन से सांठगांठ करके बेदखली और जुर्माने की फाइल दबा दी। इतना ही नहीं, बाद में दबाव और पैसों के बल पर 1993 की तिथि दर्शाते हुए एक कथित पट्टा भी बनवा लिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि यह पट्टा पूरी तरह से फर्जी है क्योंकि उस समय खलिहान की भूमि पर पट्टा जारी ही नहीं किया जाता था।

तहसील प्रशासन ने दोबारा दर्ज किया मुकदमा

कई बार शिकायत के बाद निचलौल तहसील प्रशासन ने वर्ष 2023 में पुनः धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज कर नोटिस जारी किया। लेकिन इसके बावजूद ग्राम प्रधान और उनके भाइयों ने जमीन खाली करने के बजाय निर्माण कार्य जारी रखा।

पेंशनभोगी शिक्षक पर सवाल

शिकायत में यह भी उल्लेख है कि ग्राम प्रधान मोहियुद्दीन पूर्व में सरकारी अध्यापक रह चुके हैं और वर्तमान में पेंशनर हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या खलिहान की भूमि पर किसी सरकारी कर्मचारी या प्रधान के नाम से पट्टा बन सकता है? शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह पूरा खेल केवल भूमि पर कब्ज़ा बनाए रखने के लिए किया गया है।

कार्रवाई की मांग

शिकायतकर्ता सरफराज ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, खलिहान की भूमि को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया जाए और कथित फर्जी पट्टे को रद्द किया जाए। साथ ही इसमें शामिल अधिकारियों और ग्राम प्रधान के खिलाफ धारा 420 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए।

ग्रामीणों में आक्रोश

गांव के कई लोग इस मामले को लेकर आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खलिहान की भूमि गांव की साझा संपत्ति होती है और उस पर निजी कब्ज़ा करना सरासर गैरकानूनी है। यदि इस तरह की दबंगई और भ्रष्टाचार को नहीं रोका गया, तो गांव की सार्वजनिक जमीनें धीरे-धीरे पूरी तरह कब्ज़ा ली जाएंगी।

यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भूमि माफियाओं और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से खलिहान जैसी सार्वजनिक भूमि भी सुरक्षित नहीं है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है।

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