पनियरा ब्लॉक के अनंतपुर में मनरेगा घोटाले का पर्दाफाश: एक ही फोटो से दर्ज की गई 133 मजदूरों की फर्जी हाजिरी

महराजगंज जनपद के पनियरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अनंतपुर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। एनएमएमएस (NMMS) ऐप के माध्यम से दर्ज की गई उपस्थिति और मौके की वास्तविक स्थिति के बीच भारी अंतर पाया गया है, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका गहराती जा रही है।

प्राप्त विवरण के अनुसार अनंतपुर पंचायत में एक ही दिन 13 दिसंबर 2025 को तीन अलग-अलग कार्यों के लिए कुल 14 मास्टर रोलों में 133 मजदूरों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज की गई। जबकि हकीकत यह है कि तीनों कार्य स्थलों पर मिलाकर मात्र 10–11 मजदूर ही उपस्थित थे, जिनका फोटो खींचकर सभी मास्टर रोलों में बार-बार उपयोग किया गया।

पहला कार्य (वर्क कोड: 3152009066/RC/958486255823696274, मास्टर रोल संख्या 6640 सहित) में कुल 5 मास्टर रोलों में 46 मजदूर दिखाए गए हैं। लेकिन मौके पर केवल 11 लोगों की ही फोटो ली गई और वही फोटो सभी मास्टर रोलों में अपलोड कर दी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि दूसरे फोटो की अनिवार्यता के बावजूद सेकेंड फोटो अपलोड ही नहीं किया गया।

दूसरे कार्य (वर्क कोड: 3152009066/RC/958486255823696279, मास्टर रोल 6646 आदि) में 27 मजदूरों की हाजिरी दर्ज है, जबकि कार्य स्थल पर बहुत कम मजदूर मौजूद थे। इसके बावजूद एक या दो ग्रुप फोटो के सहारे पूरे मास्टर रोल की हाजिरी पूरी कर दी गई।

तीसरे कार्य (वर्क कोड: 3152009066/RC/958486255823696281, मास्टर रोल 6783 सहित) में तो स्थिति और भी गंभीर है। यहां 6 मास्टर रोलों में 60 मजदूरों की उपस्थिति दिखाई गई है, लेकिन सिर्फ 10 मजदूरों के चेहरे ही हर मास्टर रोल में दोहराए गए हैं। यानी एक ही समूह की फोटो को अलग-अलग कार्यों और मास्टर रोलों में प्रयोग कर लिया गया।

तीनों मामलों में फोटो एक ही व्यक्ति द्वारा (ग्राम पंचायत स्तर से ‘रमेश’) अपलोड की गई है, फोटो लेने और अपलोड करने के समय में भी कई घंटे का अंतर है, और हर कार्य में सेकेंड फोटो गायब है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।

यह पूरा मामला मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना को लूटने का गंभीर उदाहरण है। यदि इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए तो ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर तक जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका उजागर हो सकती है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस बड़े घोटाले पर कार्रवाई करेगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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