जनपद महाराजगंज के मिठौरा विकास खंड अंतर्गत ग्राम सभा हरिहरपुर में चल रहे क्षेत्र पंचायत के दो कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, इन कार्यों में वास्तविक मजदूरों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद एनएमएमएस ऐप पर फर्जी फोटो और हाजिरी अपलोड कर 241 श्रमिकों के नाम पर भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि मौके पर मात्र 29 मजदूर ही कार्य करते पाए गए।

बताया जा रहा है कि यह पूरा खेल योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि संबंधित क्षेत्र पंचायत के कार्यों में अधिकारियों से सीधा संपर्क ओमप्रकाश पटेल द्वारा किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी ओमप्रकाश पटेल से जुड़े एक फर्जीवाड़े के मामले की जांच माननीय लोकायुक्त के यहां लंबित है, जो अभी विचाराधीन है। इसके बावजूद, उसी ग्राम सभा हरिहरपुर में पुनः इसी तरह की अनियमितताओं को अंजाम दिए जाने के आरोप हैं।

ग्राम प्रधान हरिहरपुर से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में कुल चार कार्य चल रहे हैं, जिनमें से दो कार्य क्षेत्र पंचायत के माध्यम से और दो ग्राम पंचायत द्वारा कराए जा रहे हैं। प्रधान का कहना है कि क्षेत्र पंचायत के कार्यों में लेबरों की उपस्थिति अत्यधिक दिखाई गई है, जबकि ग्राम पंचायत के कार्यों में वास्तविक मजदूर ही लगाए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों व्यवस्थाओं में मजदूरों की संख्या और कार्य की स्थिति में बड़ा अंतर है।

एनएमएमएस ऐप पर उपलब्ध दैनिक उपस्थिति विवरण में कई वर्क कोड और मस्टररोल नंबरों के तहत असामान्य रूप से अधिक पर्सन-डे जनरेट दिखाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन नामों से हाजिरी दर्ज की गई है, उनमें से कई मजदूरों ने कभी कार्यस्थल पर काम ही नहीं किया। बावजूद इसके, उनके नाम से फोटो अपलोड कर भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।

ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने मांग की है कि हरिहरपुर में चल रहे इन सभी मनरेगा एवं क्षेत्र पंचायत कार्यों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही, जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक संदिग्ध कार्यों का भुगतान रोका जाए। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ठेकेदारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि सरकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।