आईपीएल मुख्यालय की पहल: खड्डा चीनी मिल में अमृत इंटर्नशिप और कृषक वैज्ञानिक गोष्ठी का आयोजन

आईपीएल मुख्यालय की पहल: खड्डा चीनी मिल में अमृत इंटर्नशिप और कृषक वैज्ञानिक गोष्ठी का आयोजन

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संवाददाता सुर्य प्रकाश तिवारी:-

कृषि क्षेत्र में युवा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की नई पहल, आधुनिक तकनीक से किसानों को मिलेगा लाभ

खड्डा, कुशीनगर। इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के अंतर्गत खड्डा चीनी मिल ने अपने परिसर में एक विशेष “अमृत इंटर्नशिप कृषक गोष्ठी” का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्रीय किसानों, युवाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और आधुनिक उपकरणों से अवगत कराना था। यूनिट हेड एन.पी. सिंह और केन हेड सुधीर कुमार के नेतृत्व में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

इस अवसर पर गन्ना शोध संस्थान, सेवरही की कृषि वैज्ञानिक डॉ. अर्चना और डॉ. मिश्रा ने अपने विशेषज्ञ विचार प्रस्तुत किए। वहीं, राइज फाउंडेशन के अभय त्रिपाठी ने आधुनिक कृषि तकनीकों पर प्रकाश डाला। यूनिट हेड एन.पी. सिंह ने कहा कि यह पहल किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम है, जहां युवा इंटर्न और महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्य मिलकर कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं।

कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों का प्रसार

 

गोष्ठी के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने नई फसलों की पैदावार बढ़ाने, उर्वरकों के सही उपयोग और गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीकों के उपयोग के विषय में जानकारी दी। महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को खेती में ड्रोन तकनीक के उपयोग और इसकी ट्रेनिंग के लाभ भी बताए गए। सुधीर कुमार ने कहा कि चीनी मिल किसानों को ड्रोन स्प्रे, गन्ना बीज और पेस्टिसाइड जैसे संसाधन अनुदान पर उपलब्ध करा रही है।

युवा इंटर्न को इस गोष्ठी के माध्यम से न केवल आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया गया कि वे इस ज्ञान को क्षेत्र के किसानों तक कैसे पहुंचा सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को कृषि में करियर के नए अवसर प्रदान करना है।

महिला सशक्तिकरण को मिला नया आयाम

गोष्ठी में बड़ी संख्या में महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्याओं ने हिस्सा लिया। इन महिलाओं को प्रशिक्षण देकर न केवल उन्हें कृषि में सक्षम बनाया गया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि वे अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी जागरूक करें। महिला प्रतिभागियों को ड्रोन तकनीक, जैविक खेती और ग्रामीण विकास से जुड़े विषयों पर विशेष जानकारी दी गई।

डॉ. अर्चना ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाएं अब अपने गांवों में कृषि से जुड़े निर्णय लेने में सक्षम होंगी और अपने समुदाय में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेंगी।

ग्रामीण विकास को मिलेगा बढ़ावा

यूनिट हेड एन.पी. सिंह ने बताया कि खड्डा चीनी मिल समय-समय पर किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है। चीनी मिल द्वारा किसानों को नवीनतम कृषि यंत्र, गन्ना बीज और जैविक उर्वरकों पर अनुदान देने की प्रक्रिया भी जारी है। इसके अलावा, मिल ने ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग देने और किसानों के बीच ड्रोन तकनीक के प्रसार का भी बीड़ा उठाया है।

कार्यक्रम में प्रतिभागी किसानों और महिलाओं ने कहा कि इस पहल से उन्हें खेती में नई संभावनाएं नजर आ रही हैं। युवा इंटर्न भी अब कृषि क्षेत्र में अपने भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाएंगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास को भी गति देंगी।

निष्कर्ष

आईपीएल मुख्यालय की इस पहल ने खड्डा क्षेत्र में न केवल कृषि के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाई, बल्कि युवा और महिला सशक्तिकरण को भी प्रोत्साहित किया। अमृत इंटर्नशिप के जरिए युवाओं को नई तकनीकों की जानकारी देकर उन्हें कृषि में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी से ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा मिली है। इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और आधुनिक तकनीक के साथ किसानों और ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।