नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत: ऑनर किलिंग का आरोप

नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत: ऑनर किलिंग का आरोप

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परिवार पर हत्या कर सबूत मिटाने का आरोप, पुलिस ने शुरू की जांच

आरती की जलती चिंता  
आरती के कथित कपड़े

महराजगंज के निचलौल थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम शीतलापुर में एक नाबालिग लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिवार पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। 17 वर्षीय आरती प्रजापति, जो अयोध्या प्रजापति की पुत्री थी, की कथित रूप से परिवार के ही सदस्यों द्वारा जहर देकर हत्या कर दी गई। घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

सूत्रों के मुताबिक, 17 दिसंबर 2024 को शीतलापुर निवासी आरती प्रजापति को कथित तौर पर उसके परिवार ने जहर देकर मार डाला। परिवार पर आरोप है कि झूठी शान और सामाजिक प्रतिष्ठा के नाम पर उन्होंने अपनी बेटी की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि जहर देने के बाद उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल लाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर ने जहर के लक्षण होने की बात काबुल करते हुए रेफर करने की बात मिडिया में बताईं है रेफर के बहाने इधर-उधर परिजनो द्वारा ले जाया गया और दिखावे के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो गई, तब तक परिवार ने उसे बचाने का दिखावा किया।

समुदायिक स्थान केन्द्र निचलौल के डाक्टर 

घटना के बाद परिवार ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही आनन-फानन में शव को जला दिया, जिससे किसी भी प्रकार की जांच को रोकने की कोशिश की गई। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने इस घटना को ऑनर किलिंग का मामला बताते हुए न्याय की मांग की है।

तस्कर से प्रेम संबंध और दबाव की कहानी

 

सूत्रों ने बताया कि मृतका का प्रेम संबंध कोठीभार थाना क्षेत्र के एक कथित तस्कर से था, जो इलाके में आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात है। यह तस्कर नगर पंचायत निचलौल के एक सभासद प्रतिनिधि के संरक्षण में काम करता है। कहा जा रहा है कि सभासद प्रतिनिधि के दबाव में परिवार ने पुलिस को सूचना दिए बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

सामाजिक संगठनों की भूमिका

घटना के बाद सामाजिक संगठनों ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विशाल मद्धेशिया नामक व्यक्ति ने पुलिस को एक शिकायती पत्र देते हुए इस घटना को गंभीर अपराध बताया है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि आरती के पिता और परिवार ने हत्या कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। शिकायत में दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक ने निचलौल थानाध्यक्ष को मामले की तह तक जाने और साक्ष्य जुटाने का निर्देश दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह ऑनर किलिंग का मामला प्रतीत होता है। हालांकि, साक्ष्य मिलने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही मामले की पुष्टि की जाएगी।

जनता और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। क्षेत्र के कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने इसे समाज के लिए शर्मनाक बताया है और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए हैं।

सवालों के घेरे में प्रशासन

यह मामला प्रशासन और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। अपराधी तस्कर और उसके सहयोगियों के खिलाफ पहले से ही शिकायतें होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह भी आरोप है कि सभासद प्रतिनिधि के प्रभाव के चलते कानून का पालन नहीं हुआ और परिवार ने शव को बिना पुलिस की अनुमति के जला दिया।

क्या है आगे की राह?

पुलिस को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी होगी ताकि दोषियों को सजा मिल सके। साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। सामाजिक संगठनों और जनता की मांग है कि प्रशासन दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और मृतका को न्याय दिलाए।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल परिवार के गलत फैसले को दर्शाती है बल्कि समाज में झूठी शान और प्रतिष्ठा के नाम पर हो रही हत्याओं की ओर भी इशारा करती है। यह समय है कि समाज और प्रशासन दोनों मिलकर ऐसे कृत्यों के खिलाफ आवाज उठाएं और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।