क्या न्याय मिला?
RTI कार्यकर्ता की शिकायत पर फर्जी जांच रिपोर्ट का खुलासा

महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला मामला सामने आया है। RTI कार्यकर्ता अजीत सिंह उर्फ राणा सिंह ने पनियरा के विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह और उनके बेटे निर्भय सिंह पर पुलिस प्रशासन पर दबाव डालकर फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार कराने का आरोप लगाया है।
गलत मोबाइल नंबर और फर्जी तस्वीरों का खेल
शिकायतकर्ता अजीत सिंह का कहना है कि पुलिस द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में उनके मोबाइल नंबर को ही गलत दर्ज किया गया, जिससे संदेह पैदा होता है कि क्या जांच प्रक्रिया सही तरीके से पूरी भी की गई थी या नहीं। इसके अलावा, रिपोर्ट में संलग्न तस्वीरें भी विवादास्पद हैं, क्योंकि जो मकान दिखाया गया है, वह शिकायतकर्ता का नहीं, बल्कि किसी और व्यक्ति का है।
पुलिस रिपोर्ट पर उठते सवाल
पुलिस की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अजीत सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई और इस मामले में कोई कार्रवाई की जरूरत नहीं है। लेकिन जब शिकायतकर्ता खुद रिपोर्ट को गलत ठहरा रहे हैं और इसमें गंभीर अनियमितताओं का दावा कर रहे हैं, तो यह मामला संदेह के घेरे में आ जाता है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पनियरा विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह और उनके बेटे ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर जांच को प्रभावित किया और उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट तैयार कराई। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और पक्षपात की ओर इशारा करता है, जो न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
निष्पक्ष जांच की मांग
इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है। RTI कार्यकर्ता अजीत सिंह का कहना है कि यदि एक सूचना कार्यकर्ता को न्याय नहीं मिल सकता, तो आम नागरिकों की स्थिति और भी दयनीय हो सकती है। यह मामला बताता है कि सत्ता और प्रशासन के गठजोड़ के कारण किस तरह से सच को दबाने की कोशिश की जा रही है।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या उच्च स्तर पर इस मामले को संज्ञान में लिया जाता है या फिर यह मामला भी अन्य कई मामलों की तरह न्याय की उम्मीद में ही दबा दिया जाएगा।