महराजगंज में आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला: चयन के बदले लाखों की वसूली!

महराजगंज में आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला: चयन के बदले लाखों की वसूली!

 

फर्जी प्रमाण-पत्रों और रिश्वतखोरी से हो रही भर्तियां, जांच की मांग तेज

महराजगंज, 19 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उम्मीदवारों से चयन के बदले ₹1 लाख तक की घूस मांगी जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार तिवारी ने इस मामले को उजागर करते हुए महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की राज्य मंत्री को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हैं। विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए फर्जी अंक प्रमाण-पत्रों और कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि कई योग्य उम्मीदवारों को अनदेखा कर अपात्र उम्मीदवारों को सूची में ऊंचा स्थान दिया गया है। इस भ्रष्टाचार के खिलाफ जिले में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है।

चयन के बदले ₹1 लाख तक की मांग! -सूत्र

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई उम्मीदवारों से भर्ती प्रक्रिया में आगे बढ़ाने के लिए ₹80,000 से ₹1 लाख तक की रिश्वत ली गई है। जो उम्मीदवार रिश्वत देने में असमर्थ थे, उन्हें जानबूझकर चयन सूची में पीछे रखा गया। यह आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि कुछ अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को बिना किसी प्रक्रिया के सीधे चयनित कर दिया।

मनोज कुमार तिवारी ने पत्र में मांग की है कि सभी चयनित उम्मीदवारों के शैक्षणिक और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाए और यदि कोई भी फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर चयनित पाया जाता है, तो उसकी नियुक्ति तत्काल रद्द की जाए। साथ ही, इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।

जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज हुई शिकायत

यह मामला अब जनसुनवाई पोर्टल पर भी दर्ज हो चुका है। इसकी शिकायत संख्या 40018724006285 है, और अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर कितनी गंभीरता से जांच करता है और क्या दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाते हैं या नहीं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का गुस्सा

आंगनबाड़ी भर्ती में गड़बड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई जिलों में इसी तरह की शिकायतें सामने आई थीं, लेकिन प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण भ्रष्टाचार बढ़ता ही गया।

महराजगंज के स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इस बार भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। लोगों का मानना है कि बिना रिश्वत दिए किसी भी योग्य उम्मीदवार का चयन नहीं हो पा रहा है, जिससे गरीब और मेहनती उम्मीदवारों के सपने चकनाचूर हो रहे हैं।

सरकार की पारदर्शिता पर सवाल

उत्तर प्रदेश सरकार बार-बार पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का दावा करती रही है, लेकिन यह मामला सरकार के इन दावों पर सवाल खड़ा कर रहा है। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता का प्रशासन और सरकार से भरोसा उठ सकता है।

अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाएगी या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में दफन होकर रह जाएगा।