कागज़ों पर हाईटेक, ज़मीन पर जर्जर: स्मार्ट क्लास और कायाकल्प योजना में 35 लाख का घोटाला

कागज़ों पर हाईटेक, ज़मीन पर जर्जर: स्मार्ट क्लास और कायाकल्प योजना में 35 लाख का घोटाला


ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर एकडंगा में विद्यालयों को हाईटेक दिखाने के नाम पर भारी भरकम खर्च, 100 दिन बाद भी नहीं हुई स्थलीय जांच


महाराजगंज (उत्तर प्रदेश), 29 जून 2025
जनपद महाराजगंज की सिसवा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर एकडंगा में स्मार्ट क्लास और विद्यालय कायाकल्प योजनाओं के नाम पर भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सरकारी पोर्टल “ई-ग्रामस्वराज” व PFMS विवरणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 से 2024 के बीच प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कायाकल्प एवं स्मार्ट क्लास कार्यों के नाम पर ₹35,62,028 की राशि खर्च दिखा दी गई।

जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते आंकड़े

स्थानीय नागरिकों द्वारा किए गए निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि किसी भी विद्यालय में स्मार्ट क्लास से संबंधित कोई भी उपकरण—जैसे स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर या ऑडियो-विजुअल सिस्टम—स्थापित नहीं किया गया है। अधिकांश स्कूलों में सिर्फ रंगाई-पुताई या टाइल्स लगाने जैसे मामूली कार्य किए गए हैं, जिन्हें रिकॉर्ड में ‘स्मार्ट क्लास’ दिखाया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि योजनाओं की राशि का उपयोग कागज़ों में कार्य दर्शाकर कर लिया गया, जबकि बच्चों को आज भी पुरानी व्यवस्था में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

PFMS पर दर्ज संदिग्ध भुगतान विवरण

ई-ग्रामस्वराज पोर्टल से प्राप्त भुगतान विवरणों के अनुसार “TR Construction” व “JP Enterprises” जैसे ठेकेदारों को ₹4 लाख से अधिक की धनराशि स्मार्ट क्लास कार्यों के लिए PFMS के माध्यम से भुगतान की गई है। उदाहरण के लिए, दिनांक 16 मार्च 2024 को “TR Construction” को ₹3,00,000 व “JP Enterprises” को ₹2,97,000 का भुगतान किया गया, जबकि विद्यालय में उस राशि के अनुरूप कोई कार्य नहीं हुआ।

प्रशासनिक चुप्पी और जांच का अभाव

गंभीर आरोप लगने और 100 दिन बीत जाने के बावजूद न तो ज़िलाधिकारी ने कोई स्थलीय जांच करवाई और न ही किसी स्तर पर ऑडिट कराया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ज़िला प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत के कारण ही यह मामला अब तक दबा हुआ है। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई जांच अधिकारी गांव नहीं पहुंचा।

जनता की मांगें

स्थानीय ग्रामीणों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अभिभावकों ने मांग की है कि:

  • मामले की निष्पक्ष जांच हेतु एक उच्चस्तरीय टीम गठित कर स्थलीय निरीक्षण कराया जाए।
  • स्मार्ट क्लास व कायाकल्प योजनाओं में किए गए भुगतान का स्वतंत्र ऑडिट कराया जाए।
  • दोषी ग्राम पंचायत सचिव, संबंधित अभियंताओं व अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
  • योजना के अंतर्गत हुए तथाकथित कार्यों की सार्वजनिक रिपोर्टिंग की जाए, पूर्व व वर्तमान की तस्वीरों के साथ।

यह मामला न केवल शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की जमीनी स्थिति की भी पोल खोलता है। यदि समय रहते जांच न हुई, तो यह भ्रष्टाचार भविष्य में भी गरीब ग्रामीण बच्चों की शिक्षा के अधिकार को निगलता रहेगा।