आरआरसी भवन में सब्जी की खेती और 5.65 लाख की धांधली: ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित, प्रधान पर भी एफआईआर के आदेश
बन्दी विशुनपुरा ग्राम पंचायत में अधूरे निर्माण के बावजूद 100% भुगतान, जिला पंचायत राज अधिकारी ने सख्त कार्यवाही की
महराजगंज, 30 जून 2025 पर्दा फाश न्यूज
जनपद महराजगंज के विकास खण्ड निचलौल की ग्राम पंचायत बन्दी विशुनपुरा में ग्रामीण निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता और सरकारी धन की लापरवाही से निकासी का मामला सामने आया है। यहां आरआरसी (RCC) भवन का निर्माण कार्य मात्र कुछ फीट की दीवार और खंभों तक ही सीमित रह गया, लेकिन सरकारी पोर्टल पर पूर्ण भुगतान की पुष्टि हो चुकी है। इस खुलासे के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीमती श्रेया मिश्रा ने संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और प्रधान सहित प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बन्दी विशुनपुरा को पीएमएफएमएस (PFMS) पोर्टल पर ₹6,53,310 की क्रेडिट लिमिट स्वीकृत की गई थी, जिसके सापेक्ष 100% राशि की निकासी कर ली गई। वहीं ज़मीनी हकीकत यह है कि मात्र 4 फीट ऊंची दीवार और 8 फीट के खंभे खड़े होने के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। अब वहां भवन की जगह सब्जी की खेती की जा रही है।
मीडिया में प्रकाशित खबर “आरआरसी भवन में उगा दी सब्जी, जांच टीम गठित, धांधली की भेंट चढ़ा विकास” ने जिला प्रशासन को हरकत में ला दिया। तत्काल जांच टीम गठित की गई जिसमें पाया गया कि बिना मापन पुस्तिका तैयार किए ही भुगतान कर दिया गया है। इस प्रकरण में दो कंसल्टिंग इंजीनियर नियुक्त हैं — श्री प्रशांत सिंह और सुश्री दिव्यांजली सिंह। जांच में स्पष्ट हुआ कि उक्त ग्राम पंचायत सुश्री दिव्यांजली सिंह के कार्यक्षेत्र में आती है। उन्होंने लिखित में स्वीकार किया कि मापन का कार्य उनके द्वारा नहीं किया गया।
जांच रिपोर्ट में ग्राम पंचायत अधिकारी श्री धीरू कुमार यादव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा, बशर्ते कि वे किसी अन्य सेवा या व्यापार में संलग्न न हों। साथ ही सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) नौतनवा को जांच अधिकारी नामित करते हुए आरोप पत्र तैयार कर अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान श्री बैजनाथ यादव की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि दोनों — ग्राम प्रधान और पंचायत अधिकारी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की जाए तथा रिपोर्ट की प्रति उनके कार्यालय में तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
यह मामला ग्रामीण विकास योजनाओं में व्याप्त लापरवाही और भ्रष्टाचार की एक बानगी है, जिससे न केवल सरकारी धन की बर्बादी होती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के वास्तविक विकास में भी बाधा उत्पन्न होती है। जिला प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि ऐसे मामलों में दोषियों को कठोर सजा मिले और भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति न हो।