दिल्ली ने ठुकराया योगी का अनुरोध, मनोज सिंह रिटायर, शशि प्रकाश गोयल बने उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव
सेवा विस्तार पर केंद्र ने दिखाई सख्ती, 1989 बैच के ईमानदार और कामकाज में दक्ष आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को सौंपी गई राज्य की नौकरशाही की सबसे बड़ी कमा
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में लंबे समय से चल रही अटकलों पर मंगलवार को विराम लग गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिला और वे सेवानिवृत्त हो गए। उनकी जगह 1989 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को उत्तर प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। यह फैसला तब आया जब केंद्र सरकार ने योगी सरकार के आग्रह के बावजूद मनोज सिंह को सेवा विस्तार देने से साफ इनकार कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार ने 3 जुलाई को केंद्र सरकार के कार्मिक एवं नियुक्ति विभाग को पत्र लिखकर मनोज सिंह को छह माह का सेवा विस्तार देने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस मसले पर दिल्ली के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों से बात की, लेकिन बताया जाता है कि केंद्र के कुछ प्रभावशाली मंत्रियों ने मनोज सिंह को विस्तार देने का विरोध किया। अंततः दिल्ली से हरी झंडी न मिलने के बाद योगी सरकार ने शशि प्रकाश गोयल का नाम आगे बढ़ाया।
योगी के विश्वसनीय अफसरों में शामिल हैं गोयल
शशि प्रकाश गोयल का नाम उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक ईमानदार, सख्त और बिना विवादों में पड़े काम करने वाले अधिकारी के रूप में लिया जाता है। वे पिछले आठ साल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव (सीएम ऑफिस) के रूप में तैनात रहे और सरकार की कई महत्वपूर्ण नीतियों को धरातल पर उतारने में उनकी भूमिका अहम रही।
गोयल की शुरुआती नियुक्ति इटावा में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी। इसके बाद वे अलीगढ़, बहराइच और मेरठ में मुख्य विकास अधिकारी रहे। उन्होंने मथुरा, इटावा, प्रयागराज और देवरिया जैसे जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य करते हुए प्रशासनिक सख्ती और विकास कार्यों की गति तेज करने के लिए पहचान बनाई।
केंद्र और प्रदेश दोनों जगह मिला अनुभव
गोयल का प्रशासनिक अनुभव सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा। वे केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर भी गए और मोदी सरकार के शुरुआती कार्यकाल में मानव संसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी प्रदेश में वापसी हुई और उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय का प्रमुख सचिव बनाया गया। तब से वे मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों में शामिल रहे।
मनोज सिंह को झटका
मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई को समाप्त हुआ। उन्हें सेवा विस्तार मिलने की अटकलें पिछले दो महीने से चल रही थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी माने जाने वाले सिंह को कई महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा गया था और नौकरशाही में उनका दबदबा माना जाता था। लेकिन दिल्ली से सेवा विस्तार पर ‘ना’ कहे जाने के बाद योगी सरकार को नया नाम चुनना पड़ा।
चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी
मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद शशि प्रकाश गोयल के सामने सबसे बड़ी चुनौती नौकरशाही को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। राज्य में विकास परियोजनाओं की समयबद्ध निगरानी, कानून-व्यवस्था की मजबूती और निवेशकों को आकर्षित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गोयल की नियुक्ति से यह साफ संदेश गया है कि केंद्र सरकार अब सेवा विस्तार को लेकर सख्त रुख अपनाएगी। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने यह दिखा दिया है कि वे अपने भरोसेमंद अधिकारियों को ही बड़े पदों पर मौका देंगे।