सेना भर्ती के नाम पर छात्रा से 2.70 लाख की ठगी: वर्दी पहनाकर भेजा गांव, परिजनों ने स्वागत, लापता जालसाज

सेना भर्ती के नाम पर छात्रा से 2.70 लाख की ठगी: वर्दी पहनाकर भेजा गांव, परिजनों ने स्वागत, लापता जालसाज

गोरखपुर में कराई फर्जी ट्रेनिंग, राजस्थान तक ले जाकर रचा गया जालसाजी का पूरा ड्रामा; निचलौल थाना क्षेत्र के डोमा कांटी गांव की छात्रा के साथ बड़ी ठगी

 

महराजगंज जिले के निचलौल थाना क्षेत्र के डोमा कांटी गांव में सेना में भर्ती का सपना देख रही एक छात्रा के साथ बड़ा धोखा हुआ है। जालसाजों ने छात्रा से 2 लाख 70 हजार रुपए ठग लिए और उसे फर्जी ट्रेनिंग देकर सेना की वर्दी तक पहना दी। घर लौटने पर गांव वालों ने छात्रा का धूमधाम से स्वागत किया, लेकिन जब ज्वाइनिंग लेटर नहीं आया तो पूरा सच सामने आया।

पीड़िता नगमा खातून, कृषक इंटर कॉलेज बढ़या फार्म, निचलौल की कक्षा 12 की छात्रा है। वह एनसीसी (NCC) की सदस्य है और फायरिंग प्रशिक्षण के दौरान उसकी मुलाकात धीरज कुमार नामक युवक से हुई। धीरज ने खुद को सेना का जवान बताते हुए नगमा को भरोसा दिलाया कि वह उसे भारतीय सेना में भर्ती करा सकता है। उसने अपना मोबाइल नंबर दिया और संपर्क में बना रहा।

गोरखपुर में चला ‘फर्जी ट्रेनिंग कैंप’

धीरज ने 23 सितंबर 2025 को नगमा को फोन कर 24 सितंबर को गोरखपुर बुलाया। नगमा उसी दिन शाम 5 बजे गोरखपुर पहुंची, जहां धीरज बस अड्डे पर पहले से मौजूद था। वहां उसने नगमा को सेना की वर्दी दी और अगले दिन, यानी 25 सितंबर को, रनिंग व मेडिकल टेस्ट के नाम पर मैदान ले गया।

मैदान में पहले से ही 10 युवक-युवतियां मौजूद थीं। सभी को देखकर ऐसा लग रहा था मानो कोई असली भर्ती प्रक्रिया चल रही हो। धीरज ने खून की जांच भी कराई और पूरा माहौल इतना असली जैसा बनाया कि नगमा को ज़रा भी शक नहीं हुआ।

इसके बाद धीरज ने नगमा से कहा कि उसकी भर्ती पक्की हो गई है, लेकिन इसके लिए 2 लाख 70 हजार रुपए देने होंगे। नगमा ने घर से पैसे मंगवाकर धीरज को दे दिए।

पुष्कर (राजस्थान) में ‘CO साहब’ का नाटक

धीरज ने नगमा और पांच अन्य लड़कियों को 25 सितंबर की शाम बस से पुष्कर (राजस्थान) ले गया। वहां इनकी मुलाकात अंगद मिश्रा नामक व्यक्ति से कराई गई, जिसने खुद को सीओ (CO) बताया। उसने कहा कि सभी की नियुक्ति उसी के हाथ में है और मार्च 2026 में ज्वाइनिंग लेटर जारी कर दिया जाएगा।

अंगद मिश्रा ने दोहराया कि नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ही अंतिम भुगतान देना होगा, जिससे छात्राओं को उस समय तक कोई संदेह नहीं हुआ। इसके बाद नगमा को घर भेज दिया गया।

गांव में हुआ सम्मान, फिर टूटा सपना

जब नगमा फौजी वर्दी पहनकर गांव पहुंची तो लोगों ने उसका फूल-माला से स्वागत किया, और गांव भर में यह चर्चा फैल गई कि नगमा भारतीय सेना में भर्ती हो गई है। परिवार और रिश्तेदारों ने मिठाइयां बांटीं और गर्व महसूस किया।

लेकिन कुछ दिनों बाद जब ज्वाइनिंग लेटर नहीं आया और धीरज का मोबाइल नंबर बंद मिलने लगा, तब नगमा को ठगी का एहसास हुआ। परिवार ने जब खोजबीन की, तो पता चला कि गोरखपुर और पुष्कर दोनों जगह का पूरा सेटअप फर्जी था।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

9 अक्टूबर 2025 को नगमा ने थाना निचलौल में लिखित शिकायत दर्ज कराई। थाना इंचार्ज अखिलेश वर्मा ने बताया कि प्रकरण में धीरज कुमार और अंगद मिश्रा नामजद किए गए हैं। दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) B.N.S.S, 2023 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

एफआईआर संख्या 0266/2025, समय 18:14 बजे दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि आरोप गंभीर हैं और जांच तेजी से की जा रही है।

बढ़ता फर्जी भर्ती रैकेट

इस घटना ने एक बार फिर उन फर्जी भर्ती गिरोहों का पर्दाफाश किया है, जो ग्रामीण युवाओं और छात्राओं को सेना, पुलिस या अन्य सरकारी नौकरियों का झांसा देकर ठगते हैं। नगमा जैसी छात्राएं देश सेवा का सपना लेकर मेहनत करती हैं, लेकिन ऐसे जालसाज उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं।

थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी भर्ती प्रक्रिया में केवल सरकारी वेबसाइट या अधिकृत चैनल के माध्यम से ही शामिल हों। किसी व्यक्ति के भरोसे या पैसे देकर नौकरी पाने की कोशिश ना करें, क्योंकि ऐसे रैकेट लगातार सक्रिय हैं।

फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश में टीम गठित कर चुकी है। वहीं पीड़िता नगमा और उसका परिवार न्याय की उम्मीद में पुलिस प्रशासन के दरवाजे पर हैं।

(रिपोर्ट: मनोज तिवारी)

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