लोकायुक्त ने मांगी रिपोर्ट: मनरेगा घोटाले में महराजगंज के अफसरों पर गहराया शिकंजा

लोकायुक्त ने मांगी रिपोर्ट: मनरेगा घोटाले में महराजगंज के अफसरों पर गहराया शिकंजा

पत्रकार मनोज कुमार तिवारी की शिकायत पर कार्रवाई — उप लोकायुक्त डॉ. रीमा बंसल ने वाराणसी जिलाधिकारी तथा डीसी मनरेगा से 27 अक्टूबर तक मांगी विस्तृत आख्या

तत्कालीन डी सी मनरेगा करुणाकर आबिदी 

लखनऊ/महराजगंज।
जनपद महराजगंज के सिसवा विकास खंड में मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में अब लोकायुक्त कार्यालय ने संज्ञान लिया है। पत्रकार एवं समाजसेवी मनोज कुमार तिवारी की शिकायत पर उप लोकायुक्त डॉ. रीमा बंसल ने संबंधित अधिकारियों से विस्तृत जांच रिपोर्ट 27 अक्टूबर 2025 तक मांगी है।

यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब शिकायतकर्ता ने आईजीआरएस संख्या 40018723020666 के माध्यम से मनरेगा कार्यों में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने कथित रूप से किसी अन्य व्यक्ति की पुरानी शिकायत रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण कर दिया। इस पर नाराज़ होकर परिवादी ने महानिदेशक सतर्कता, अपर मुख्य सचिव (गृह/सतर्कता) और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन तक शिकायत भेजी, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

लोकायुक्त कार्यालय से पत्र जारी

03 अक्टूबर 2025 को लोकायुक्त सचिव डॉ. रीमा बंसल द्वारा दो महत्वपूर्ण पत्र जारी किए गए।
पहला पत्र संख्या 1282-2025/04 के तहत तत्कालीन जिलाधिकारी महराजगंज (वर्तमान जिलाधिकारी वाराणसी) श्री सतेन्द्र कुमार झा को संबोधित है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि शिकायत में लगाए गए आरोपों पर साक्ष्य सहित आख्या प्रस्तुत की जाए।
दूसरा पत्र संख्या 1282-2025/05 उपायुक्त मनरेगा महराजगंज श्री करूणाकर आबिदी और खण्ड विकास अधिकारी सिसवा सुश्री श्वेता मिश्रा को भेजा गया है, जिसमें समान रूप से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

दोनों पत्रों में कहा गया है कि “माननीय उप लोकायुक्त महोदय के अवलोकनार्थ पूर्ण तथ्यों के साथ रिपोर्ट नियत तिथि 27 अक्टूबर 2025 तक उपलब्ध कराई जाए।”

 

परिवादी ने लगाए गंभीर आरोप


शिकायतकर्ता मनोज कुमार तिवारी ने अपने परिवाद में कहा है कि विकास खंड सिसवा में मनरेगा योजना के तहत कई कार्य केवल कागजों पर पूरे दिखाए गए। जांच के नाम पर उन्हीं अधिकारियों ने औपचारिकता निभाई जो स्वयं कार्यों में संलिप्त रहे। तिवारी ने आरोप लगाया कि “जिला स्तर पर भ्रष्टाचार की मिलीभगत से जनता के श्रम और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।”

उन्होंने इस संबंध में अपने शपथपत्र, आईजीआरएस रिपोर्ट, चालान की प्रति और आधार कार्ड की प्रति सहित दस्तावेज भी संलग्न किए हैं।

 

अब निगाहें लोकायुक्त की रिपोर्ट पर

लोकायुक्त कार्यालय द्वारा जिलाधिकारी, उपायुक्त मनरेगा और बीडीओ सिसवा से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद अब इस मामले ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। सूत्रों के मुताबिक, यदि रिपोर्ट में अनियमितताएं पाई जाती हैं तो संबंधित अधिकारियों और कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई तय है।

मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि “यह जनहित का मामला है, इसलिए मैं तब तक संघर्ष करूंगा जब तक भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं होती।” क्यों कि आई0जी0आर0एस0 पर मेरे शिकायत पर बैजनाथ सिंह भुजौली के शिकायत की जांच रिपोर्ट संलग्न कर मामले की जांच आख्या लगा दिया गया था।

इस कार्रवाई से महराजगंज जिले में मनरेगा कार्यों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि लोकायुक्त की निगरानी में जांच से कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और भ्रष्टाचार की यह परत कितनी गहरी निकलती है।

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