डीबीएसए महराजगंज पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश: निदेशक (बेसिक शिक्षा) लखनऊ ने दिए निर्देश
जावेद अहमद की शिकायत पर शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने जिला विद्यालय निरीक्षक गोरखपुर को नामित किया जांच अधिकारी; फर्जी शिक्षकों को संरक्षण देने और भ्रष्टाचार के आरोपों से हड़कंप
महराजगंज।
जनपद महराजगंज के बेसिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और फर्जी शिक्षकों को संरक्षण देने के गंभीर आरोपों पर अब शिक्षा निदेशक (बेसिक), लखनऊ ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने इस संबंध में पत्रांक संख्या-शि.नि.(बे.)/विधि-3/36548-50/2025-26 दिनांक सितम्बर 2025 के तहत जिला विद्यालय निरीक्षक, गोरखपुर को जांच अधिकारी नामित किया है।
यह कार्रवाई आनंदनगर निवासी जावेद अहमद खान द्वारा की गई विस्तृत शिकायत के आधार पर हुई है। जावेद अहमद ने अपने पत्र दिनांक 11 सितंबर 2025 को निदेशक (बेसिक शिक्षा), लखनऊ को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि सुश्री रिद्धि पाण्डेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीएसए), महराजगंज तथा यशवंत सिंह, वरिष्ठ लिपिक, फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को संरक्षण दे रहे हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने पहले भी पं. जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज, बरगहपुर लेहड़ा में कार्यरत शिक्षकों — दिनेश चंद्र मिश्र और संजय श्रीवास्तव — के विरुद्ध साक्ष्यों सहित शिकायतें आईजीआरएस पोर्टल एवं जिला समाधान दिवस में की थीं, लेकिन डीबीएसए कार्यालय ने यह कहते हुए शिकायतों को दरकिनार कर दिया कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
हालांकि, जावेद अहमद ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया कि संबंधित रिट याचिका संख्या 54719/2006 (राजगन प्रसाद बनाम उ.प्र. राज्य) को माननीय उच्च न्यायालय ने 18 मार्च 2025 को निस्तारित कर दिया, इसके बावजूद विभागीय जांच रोक दी गई और फर्जी प्रमाणपत्र धारक शिक्षकों को वेतन भुगतान जारी रखा गया।
जावेद अहमद ने डीबीएसए और लिपिक पर आरोप लगाया कि वे शिकायतों के दौरान शिक्षकों का वेतन जानबूझकर रोककर उनसे धन उगाही करते हैं, जो शासनादेशों के विपरीत है।
इस गंभीर प्रकरण पर शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने जांच अधिकारी को निर्देशित किया है कि शिकायत के सभी बिंदुओं की निष्पक्ष जांच कर विस्तृत आख्या उपलब्ध कराएं।
प्रतिलिपि महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, लखनऊ एवं अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक), प्रयागराज को भी भेजी गई है।
इस आदेश के बाद महराजगंज शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि शिकायतकर्ता जावेद अहमद ने इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय की दिशा में पहला कदम” बताया है।