एनएच 730 एस का निर्माण कार्य बना खतरा, सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी से राहगीरों की जान पर मंडराया संकट

एनएच 730 एस का निर्माण कार्य बना खतरा, सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी से राहगीरों की जान पर मंडराया संकट


महाराजगंज के ठूठीबारी मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी, स्थानीय नागरिकों की जान पर संकट


जनपद महाराजगंज के ठूठीबारी मार्ग पर एनएच 730 एस का निर्माण कार्य इन दिनों आम नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इस सड़क निर्माण कार्य का ठेका ईपीसी कॉन्ट्रेक्टर अजीत के पास है, जो अपने कार्य में राष्ट्रीय और स्थानीय सड़क सुरक्षा नियमों की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि सड़क निर्माण के दौरान पैदल और वाहन चालकों को गंभीर असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के मौसम में कोहरे के साथ सुरक्षा मानकों की कमी राहगीरों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन चुकी है।

नियमों की अनदेखी

इस निर्माण कार्य में मानकों के अनुसार रोड के एक तरफ की सड़क को पहले बनाना चाहिए था, और उसके बाद ही दूसरी ओर की खुदाई होनी चाहिए थी। इसके बजाय, निर्माण कार्य के दौरान दोनों तरफ से सड़क की खुदाई कर दी गई है, जिससे राहगीरों के लिए रास्ता और भी खतरनाक हो गया है। आम तौर पर सड़क निर्माण के समय खुदाई वाली जगहों पर बैरिकेडिंग की जाती है ताकि कोई दुर्घटना ना हो, लेकिन यहां इस नियम का पालन नहीं हो रहा। न ही दुर्घटनाओं से बचाव के संकेतक बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे राहगीरों को अंदाजा हो सके कि निर्माण कार्य चल रहा है और उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

सुरक्षा उपकरणों की कमी

मौके पर सुरक्षा उपकरणों का अभाव भी साफ नजर आता है। निर्माण में लगे श्रमिकों के पास न तो हेलमेट, सुरक्षा जैकेट और अन्य आवश्यक सेफ्टी उपकरण हैं, जो कि दुर्घटना की स्थिति में उन्हें सुरक्षा प्रदान कर सके। इसके अलावा, रात के समय काम करते समय कोई रोशनी की व्यवस्था नहीं की जाती है, जिससे रात में सड़क पर चलने वाले लोगों के लिए दुर्घटना का खतरा और भी बढ़ जाता है। निर्माण स्थल पर सिटीजन इंफॉर्मेशन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है, जिससे लोगों को यह पता चल सके कि इस परियोजना का टेंडर कितना है, काम किस फर्म के द्वारा कराया जा रहा है और निर्माण कार्य का बजट कितना है।

परियोजना का बजट और स्वीकृति

जानकारी के मुताबिक, ठूठीबारी से महाराजगंज तक एनएच 730 एस का निर्माण कार्य लगभग 347 करोड़ रुपये में स्वीकृत हुआ है। हालांकि, ठेकेदार ने इसका अनुमानित बजट 500 करोड़ रुपये बताया है, जो कि स्वीकृत राशि से कहीं ज्यादा है। इस संबंध में जब स्थानीय लोगों ने जानकारी लेनी चाही तो ठेकेदार और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने टालमटोल करते हुए कहा कि यह निर्माण आस्था कंस्ट्रक्शन के देखरेख में हो रहा है। आस्था कंस्ट्रक्शन के अधिकारी इस संबंध में खुलकर कुछ भी कहने से बचते नजर आए और बताया कि अगर कोई कमी होती है तो पत्राचार के माध्यम से सुधार कराया जाएगा।

दुर्घटनाओं का बढ़ता खतरा

जगह-जगह खुदाई और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण राहगीरों का इस मार्ग पर चलना दूभर हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोहरे के मौसम में सड़क के दोनों ओर खुदाई करने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। इस निर्माण कार्य के दौरान कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं पहले ही हो चुकी हैं, और अब सड़क के दोनों ओर खुदाई होने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राहगीरों की जान बचाने के लिए सुरक्षा के जरूरी उपायों की आवश्यकता है, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही इस परियोजना को जनता के लिए जोखिम बना रही है।

प्रशासन की उदासीनता

स्थानीय नागरिकों की ओर से कई बार प्रशासन से इस संबंध में शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते ठेकेदार खुलेआम सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में नागरिकों में भारी रोष है।

नागरिकों की मांग

ठूठीबारी मार्ग के आसपास के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस निर्माण कार्य में जल्द से जल्द सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। उनका कहना है कि निर्माण कार्य के समय रोड को बंद कर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया जाए, ताकि लोगों को असुविधा न हो। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि निर्माण एजेंसी को सड़क पर संकेतक बोर्ड और रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए और निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा उपकरणों का भी उचित प्रयोग होना चाहिए।

निष्कर्ष

एनएच 730 एस का निर्माण कार्य राहगीरों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। ठेकेदार द्वारा अपनाई जा रही लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता इस समस्या को और भी गंभीर बना रही है। समय रहते अगर इन मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो यह मार्ग दुर्घटनाओं का बड़ा केंद्र बन सकता है।