आई.पी.एल. चीनी मिल खड्डा में वृहद किसान गोष्ठी आयोजित, उन्नत कृषि तकनीकों पर चर्चा
किसानों को दिया गया उत्पादन बढ़ाने व गन्ना रोग नियंत्रण का प्रशिक्षण, उत्कृष्ट कृषकों को किया गया सम्मानित
खड्डा, कुशीनगर। संवाद दाता सुर्य प्रकाश तिवारी
इंडियन पोटाश लिमिटेड (आई.पी.एल.) चीनी मिल खड्डा द्वारा दिनांक 18 फरवरी 2025 को एक वृहद किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, गन्ने की उन्नतशील प्रजातियों, फसल सुरक्षा तथा खाद के संतुलित उपयोग की जानकारी दी गई।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आई.पी.एल. मुख्यालय दिल्ली से आए श्री यू.एन. सिंह (जी.एम., इंडियन पोटाश लिमिटेड, नई दिल्ली) तथा श्री रवि अग्रवाल (डी.जी.एम., इंडियन पोटाश लिमिटेड, लखनऊ) उपस्थित रहे। कार्यक्रम में यूनिट हेड एन.पी. सिंह, केन हेड सुधीर कुमार, डॉ. सुभाष सिंह (ज्वाइंट डायरेक्टर, गन्ना शोध केंद्र, सेवरही), श्री एम.के. दूबे (वरिष्ठ सेल्स अधिकारी, गोरखपुर), श्री अंबुज सिंह (वरिष्ठ सेल्स अधिकारी, देवरिया) एवं श्री सुप्रिय मालवीय (अध्यक्ष, सहकारी गन्ना विकास समिति, खड्डा) ने भी अपने विचार रखे।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर
गोष्ठी में “सशक्त किसान, आत्मनिर्भर क्रॉप” विषय पर चर्चा हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने गन्ने की खेती में नए शोध, कीट एवं रोग नियंत्रण के उपायों तथा उत्पादन बढ़ाने की तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी। किसानों को विशेष रूप से आई.पी.एल. एम.ओ.पी. दानेदार खाद के उपयोग की विधि व इसके लाभों के बारे में बताया गया।
लक्की ड्रा में किसानों को मिला पुरस्कार
कार्यक्रम के दौरान 10 महिला एवं पुरुष किसानों को लक्की ड्रा के माध्यम से पुरस्कृत किया गया। इनमें आँचल गुप्ता, अमित, रामाशंकर, संध्या कुशवाहा सहित अन्य कृषकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट गन्ना उत्पादन के लिए किसान सूर्य प्रकाश तिवारी (मृत्युंजय) को बुके व साल देकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
225 किसानों ने लिया भाग
इस गोष्ठी में कुल 225 किसानों ने भाग लिया और उन्नत खेती से जुड़ी नई जानकारियाँ प्राप्त कीं। विशेषज्ञों ने किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों की बुवाई, खाद के संतुलित प्रयोग तथा उत्पादन बढ़ाने की आधुनिक तकनीकों पर मार्गदर्शन दिया।
इस अवसर पर किसानों ने अपनी समस्याएँ भी रखीं, जिनका विशेषज्ञों ने समाधान सुझाया। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने किसानों को उन्नत खेती की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया और उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।