उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त ने महराजगंज में परिवादी मनोज कुमार तिवारी की शिकायत पर तीन सदस्यीय जाँच समिति गठित करने का निर्देश दिया है
श्री मनोज कुमार तिवारी की शिकायत के आधार पर आरोपों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समिति बनाई जाएगी
उत्तर प्रदेश के लोक आयुक्त डॉ. रीमा बंसल ने महराजगंज जिले के श्री मनोज कुमार तिवारी द्वारा प्रस्तुत शिकायत के आधार पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यीय जाँच समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति आरोपों की पूरी जांच करेगी और इसके बाद जाँच रिपोर्ट को लोक आयुक्त के पास प्रस्तुत करेगी।
डॉ. बंसल के आदेश के अनुसार, यह समिति वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर आरोपों की गहनता से जांच करेगी, ताकि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। जाँच समिति को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे श्री मनोज कुमार तिवारी को अपना पक्ष और साक्ष्य प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दें।
आदेश में यह भी कहा गया है कि जाँच रिपोर्ट 4 अप्रैल, 2025 तक लोक आयुक्त के पास प्रस्तुत की जानी चाहिए। इस कदम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा और न्याय व्यवस्था में विश्वास को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसी क्रम में, महराजगंज जिले के सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में 1 अप्रैल, 2025 को जाँच समिति का दौरा निर्धारित किया गया है, जहां श्री तिवारी को अपने पक्ष और साक्ष्य पेश करने के लिए बुलाया गया है।
पूर्व डीएफओ और रेंज अधिकारियों के खिलाफ सरकारी धन के गबन की शिकायत, जांच की मांग
बताते चलें कि महराजगंज जिले के सोहगी बरवां वन्य जीव प्रभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आते रहते हैं। वरिष्ठ पत्रकार श्री मनोज कुमार तिवारी ने उत्तर प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर, पूर्व डीएफओ नवीन कुमार शाक्य, एसडीओ अनुराग तिवारी, रेंजर अनुराग आनंद और अन्य अधिकारियों पर सरकारी धन के गबन के आरोप लगाए थे। तिवारी के अनुसार, इन अधिकारियों ने मिलकर सरकारी धन का बंदरबांट किया और फर्जी तरीके से वित्तीय अनियमितताएं कीं।
शिकायत में कहा गया है कि फरवरी और मार्च 2024 में पकड़ी रेंज में लैण्टाना झाड़ियों को साफ कराने के नाम पर 8 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई। इसी प्रकार, उत्तरी चौक रेंज में जलकुंभी निकालने के नाम पर भी 8 लाख रुपये का गबन किया गया। इसके अलावा, प्यास और रोहिनी नदियों पर पुलों के निर्माण के नाम पर 3 लाख रुपये का भ्रष्टाचार किया गया, जबकि ये पुल एक माह के भीतर ही नदी में बह गए एसा वन विभाग का तर्क है।
तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि निचलौल रेंज की पौधशालाओं में मिट्टी डलवाने के नाम पर 7 लाख रुपये निकाल लिए गए, जबकि फरवरी और मार्च में यह कार्य अव्यवहारिक था। तिवारी ने आरोप लगाया कि यह सब कार्य अक्टूबर 2023 में होना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने जानबूझकर फरवरी और मार्च में इसका बिल बनाया।
इन आरोपों को गंभीर मानते हुए श्री तिवारी ने शासन से जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारियों की जांच तुरंत की जाए ताकि भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया जा सके और न्याय की प्रक्रिया को सही दिशा दी जा सके। लेकिन सम्बंधित अधिकारियों द्वारा जांच नहीं किया गया उसके बाद श्रीमान लोकायुक्त को शिकायत किया गया था।