मनरेगा योजना में करोड़ों का घोटाला, जांच में शिकायतें सही पाई गईं

मनरेगा योजना में करोड़ों का घोटाला, जांच में शिकायतें सही पाई गईं

जांच करते अपर आयुक्त (न्यायिक) प्रथम गोरखपुर मंडल गोरखपुर

स्थलीय जांच में हुआ खुलासा, अब कार्रवाई का इंतजार

महराजगंज, 29 मार्च 2025 – जनपद महराजगंज में मनरेगा योजना के तहत हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच में सभी आरोप सही पाए गए हैं। अपर आयुक्त (न्यायिक) प्रथम, गोरखपुर मंडल, अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन, गोरखपुर मंडल और जिलाधिकारी महराजगंज द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर नंद प्रकाश मौर्य की अगुवाई में जांच टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया।

शिकायतकर्ता उमेश प्रसाद ने मनरेगा योजना के तहत किए गए करोड़ों रुपये के गबन की शिकायत की थी। जांच टीम ने विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया, जहां बिना कार्य किए भुगतान किए जाने, फर्जी बिलों के माध्यम से धन आहरण और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई।

सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत बरियापुर, बरगदवा माधोपुर, भुवनी, अमोढ़ा, अहिरौली और अन्य स्थानों पर हुए कार्यों में भारी अनियमितताएं पाई गईं। जांच अधिकारियों ने इन मामलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अब देखना यह होगा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्रवाई की जाती है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं। शिकायतकर्ता उमेश प्रसाद नेउम्मीद जताई है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी ताकि सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकजा सके।

मनरेगा योजना में करोड़ों का घोटाला, जांच में शिकायतें सही पाई गईं

 

स्थलीय जांच में हुआ खुलासा, अब कार्रवाई का इंतजार

महराजगंज, 29 मार्च 2025 – जनपद महराजगंज में मनरेगा योजना के तहत हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच में सभी आरोप सही पाए गए हैं। अपर आयुक्त (न्यायिक) प्रथम, गोरखपुर मंडल, अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन, गोरखपुर मंडल और जिलाधिकारी महराजगंज द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर नंद प्रकाश मौर्य की अगुवाई में जांच टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया।

शिकायतकर्ता उमेश प्रसाद ने मनरेगा योजना के तहत किए गए करोड़ों रुपये के गबन की शिकायत की थी। जांच टीम ने विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया, जहां बिना कार्य किए भुगतान किए जाने, फर्जी बिलों के माध्यम से धन आहरण और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई।

सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायत बरियापुर, बरगदवा माधोपुर, भुवनी, अमोढ़ा, अहिरौली और अन्य स्थानों पर हुए कार्यों में भारी अनियमितताएं पाई गईं। जांच अधिकारियों ने इन मामलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अब देखना यह होगा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्रवाई की जाती है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं। शिकायतकर्ता उमेश प्रसाद ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी ताकि सरकारी धन के दुरुपयोग को रोका जा सके।

मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार: महराजगंज जनपद का काला सच

 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना और विकास कार्यों को बढ़ावा देना है। लेकिन महराजगंज जनपद में इस योजना का उद्देश्य भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की भेंट चढ़ गया। विभिन्न विकास खंडों में करोड़ों रुपये का गबन किया गया, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता भी देखी गई।

 

महराजगंज जनपद में मनरेगा घोटाले का खुलासा

महराजगंज जनपद के विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत भारी अनियमितताएँ उजागर हुई हैं। यह अनियमितताएँ मुख्य रूप से निर्माण कार्यों, पोखरी खुदाई, सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों में पाई गई हैं।

1. ग्राम पंचायत बरियापुर में पोखरी सुंदरीकरण घोटाला

परतावल ब्लॉक की ग्राम पंचायत बरियापुर में वित्तीय वर्ष 2018-19 में बिना कार्य कराए ही 25,87,920 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। यह सारा घोटाला तत्कालीन खंड विकास अधिकारी प्रवीण कुमार शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल और जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय की मिलीभगत से किया गया। वन विभाग सोहगीबरवां के माध्यम से यह कार्य कराया गया, लेकिन वास्तव में कोई कार्य नहीं हुआ।

2. इंटरलॉकिंग कार्य में धांधली

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विकास खंड घुघली के विभिन्न ग्राम पंचायतों में इंटरलॉकिंग के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन हुआ। बरगदवां माधोपुर, भुवनी, भुवना, अमोढ़ा और अहिरौली ग्राम पंचायतों में कई इंटरलॉकिंग कार्य केवल कागजों पर दिखाए गए। खंड विकास अधिकारी प्रवीण कुमार शुक्ला और एकाउंटेंट ने अपने हस्ताक्षर से यह फर्जी भुगतान किए।

3. जोगिया ग्राम पंचायत में 91.52 लाख रुपये का गबन

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वित्तीय वर्ष 2020-21 में मात्र 8 महीनों में ड्रेन सफाई, मनरेगा पार्क और पंचायत भवन निर्माण के नाम पर 91.52 लाख रुपये खर्च किए गए। दिलचस्प बात यह है कि पंचायत भवन निर्माण का शिलान्यास तो जिलाधिकारी उज्जवल कुमार ने किया, लेकिन वास्तव में पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत कर उसे नया भवन बताकर पूरा बजट निकाल लिया गया। सिंचाई विभाग और पंचायत विभाग द्वारा एक ही कार्य का अलग-अलग भुगतान लिया गया, जो बड़े घोटाले का प्रमाण है।

4. तरकुलवा ग्राम पंचायत में 38 लाख रुपये का पोखरी खुदाई घोटाला

सदर ब्लॉक की तरकुलवा ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2018-19 में सौरहा पोखरी खुदाई के नाम पर 38 लाख रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। तत्कालीन परियोजना निदेशक रामकरन पाल और जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय के द्वारा इस कार्य की स्वीकृति दी गई थी। जांच में पाया गया कि पोखरी की खुदाई वास्तव में नहीं हुई थी।

5. चेहरी ग्राम पंचायत में 1.02 करोड़ रुपये का गबन

वित्तीय वर्ष 2022-23 में चेहरी ग्राम पंचायत में स्कूल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र आदि के नाम पर 1.02 करोड़ रुपये खर्च दिखाए गए। जिला पंचायत राज अधिकारी यासिर अब्बास की निरीक्षण रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि कार्यों में वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया गया। बावजूद इसके, कोई कार्रवाई नहीं की गई।

प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता

इन घोटालों में जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी भी संलिप्त पाए गए हैं।

1. तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय और उज्जवल कुमार ने मनरेगा के तहत फर्जी कार्यों को मंजूरी दी।

2. मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल और गौरव सिंह सोरगवाल ने इन घोटालों में वित्तीय स्वीकृति प्रदान की।

3. खंड विकास अधिकारी प्रवीण कुमार शुक्ला और रामकरन पाल ने जाली दस्तावेज तैयार कर फर्जी भुगतान किए।

 

जांच और कार्यवाही की मांग

इस घोटाले को उजागर करने के लिए लोकायुक्त कार्यालय में परिवाद दाखिल किया गया, जिसकी जांच जारी है।

1. सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

2. पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाना चाहिए।

3. भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की संपत्ति जब्त कर सरकारी खजाने में वापस जमा की जानी चाहिए।

निष्कर्ष

मनरेगा जैसी कल्याणकारी योजना का उद्देश्य गरीबों को रोजगार और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना था, लेकिन महराजगंज जनपद में इसे भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया। यह दर्शाता है कि जब प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं, तो आम जनता का हक मारा जाता है। अब समय आ गया है कि जनता जागरूक होकर ऐसे घोटालों के खिलाफ आवाज उठाए और सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे।

 

यह ब्लॉग महराजगंज जनपद में मनरेगा योजना में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करता है। अगर आप इसमें कोई संशोधन या अतिरिक्त जानकारी जोड़ना चाहते हैं, तो बताइए!