मनरेगा कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा: गहुअना पंचायत में लगाए गए पुराने और फर्जी फोटो, धरातल पर नहीं हुआ कोई कार्य
छह कार्यों की एक ही तिथि पर ली गई तस्वीरें, खेतों में न तो धान की फसल नजर आई, न ही मिट्टी कार्य के कोई प्रमाण; ग्रामीणों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
रिपोर्ट: महराजगंज, 04 जुलाई 2025
जिला महराजगंज के पनियरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत गहुअना में मनरेगा योजना के तहत दर्शाए गए विभिन्न कार्यों में भारी फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। 04 जुलाई 2025 की तिथि में दर्ज किए गए कुल छह कार्यों की फोटोग्राफिक उपस्थिति की गहन जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि न केवल फोटो फर्जी और पूर्व में लिए गए हैं, बल्कि इन कार्यों का धरातल पर कोई अस्तित्व तक नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निम्नलिखित कार्यों में यह गड़बड़ी उजागर हुई है:
1. पब्लिक स्कूल व सार्वजन स्थल पर वृक्षारोपण कार्य
2. बड़ी बगिचा से जीपी सोहास सिवान तक संपर्क मार्ग निर्माण कार्य ।
3. गौरी के खेत से बाबूराम के खेत तक मिट्टी कार्य
4. ड्रेन पुलिया से गिर्गिटिया सिवान तक मिट्टी कार्य
5. पीडब्ल्यूडी रोड से ओपरेटर के खेत तक चकमार्ग पर मिट्टी कार्य
इन सभी कार्यों के लिए “एनएमएमएस ऐप” के माध्यम से अपलोड की गई Group Photo-1 में जो दृश्य सामने आए हैं, वे कहीं से भी वास्तविकता की पुष्टि नहीं करते। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकतर कार्यों की भौगोलिक स्थिति (Geo-Coordinates) लगभग समान है और फोटोज में भी हरियाली, खेतों में धान की बुआई या मिट्टी कार्य का कोई प्रमाण नहीं दिखता। इसके बजाय, कुछ तस्वीरें मार्च-अप्रैल माह की प्रतीत होती हैं जिनमें खेतों में कार्य नहीं बल्कि सूखे मैदान और परती भूमि दिख रही है।
ग्रामीणों और स्थानीय जागरूक नागरिकों ने आरोप लगाया है कि यह संपूर्ण प्रक्रिया एक पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत की गई है, जिसमें प्रमोद नामक ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी द्वारा फोटो अपलोड की गई हैं। उन्होंने समयानुसार मौके पर जाकर फोटो लेने के बजाय, पहले से संग्रहित फोटो का उपयोग कर अपलोडिंग की है, जिससे मजदूरों की उपस्थिति को फर्जी तरीके से दर्शाया गया।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा योजना के तहत कार्य की पुष्टि के लिए अब अनिवार्य रूप से मोबाइल ऐप के माध्यम से दो फोटो अपलोड किए जाने हैं — एक कार्य शुरू होने से पहले और दूसरा कार्य के दौरान। परंतु इन सभी कार्यों में केवल पहली फोटो ही अपलोड की गई है, जबकि दूसरी फोटो जानबूझकर नहीं डाली गई, ताकि कार्य स्थल की वास्तविक स्थिति उजागर न हो सके।
स्थानिय लोगों का आरोप है कि जिन क्षेत्रों में मिट्टी कार्य दिखाया गया है, वहां पहले से ही खेत समतल हैं और कोई नया कार्य नहीं हुआ है। खेतों में न तो मिट्टी की ताजगी है, न ही मजदूरों की गतिविधियां। अधिकांश फोटो में मजदूरों की संख्या नगण्य है या चेहरे अस्पष्ट हैं, जिससे यह संदेह और प्रबल हो गया है कि यह महज दिखावे के लिए किया गया है।
अब सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर की निगरानी इकाइयां आखिर क्या कर रही हैं? क्या यह सब मिलीभगत से किया गया है? ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की सीधी जांच जिलाधिकारी और सीबीआई स्तर पर कराने की मांग की है ताकि दोषियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई हो सके।
यदि जल्द ही इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह न केवल जनधन की खुली लूट होगी बल्कि मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना की साख पर भी सवालिया निशान लगेगा।
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(रिपोर्ट: मनोज कुमार तिवारी महराजगंज)
तस्वीरें और दस्तावेज रिपोर्ट के साथ संलग्न।