रेलवे भूमि अधिग्रहण में रिश्वतखोरी का खुलासा: लेखपाल पर नोटरी व कागजात के नाम पर अवैध वसूली का आरोप

रेलवे भूमि अधिग्रहण में रिश्वतखोरी का खुलासा: लेखपाल पर नोटरी व कागजात के नाम पर अवैध वसूली का आरोप

पकड़ी नौनिया गांव में लेखपाल राजकुमार प्रसाद द्वारा 1000 से 2000 रुपये तक की वसूली, मनमानी ढंग से प्रमाण पत्र जारी करने का मामला उजागर, स्थानांतरण और जांच की मांग तेज

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महराजगंज, पकड़ी नौनिया।
रेलवे परियोजना के तहत ग्राम सभा पकड़ी नौनिया में चल रहे भूमि अधिग्रहण कार्य में भ्रष्टाचार की बू साफ महसूस की जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने हल्का लेखपाल राजकुमार प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वे दलालों के माध्यम से कागजात बनवाने और नोटरी कराने के नाम पर प्रति व्यक्ति 1000 से 2000 रुपये की अवैध वसूली करवा रहे हैं। यही नहीं, जिन ग्रामीणों द्वारा पैसे नहीं दिए जाते, उनके प्रमाण पत्र में जानबूझकर ग़लत विवरण दर्ज किया जा रहा है।

एक पीड़ित ने बताया कि उसने अपने बच्चों के स्कूल में दाखिले के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन लेखपाल को पैसे न देने पर उसकी वार्षिक आय ₹60,000 दर्शा दी गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में मानक के अनुसार ₹46,000 से अधिक आय वाले लोगों को कई सरकारी लाभ नहीं मिलते हैं। वहीं, कई ऐसे ग्रामीण जिनके पास 3 से 5 एकड़ भूमि है, उन्हें ₹46,000 से कम की आय दर्शाकर प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए।

इस प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि लेखपाल राजकुमार द्वारा दोहरी नीति अपनाई जा रही है – पैसे देने वालों को मनचाही रिपोर्ट मिल रही है, जबकि ईमानदार नागरिकों को परेशान किया जा रहा है।

पीड़ित का यह भी आरोप है कि राजकुमार वर्षों से इसी क्षेत्र में कार्यरत हैं और इसी स्थायित्व के चलते उनका मनोबल बढ़ा हुआ है। वे किसी भी कार्य को बिना धन लिए नहीं करते, चाहे वह भूमि का मुआवजा कागज हो या कोई सरकारी दस्तावेज।

मामले में एक और हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। एक अन्य प्रमाण पत्र (आवेदन संख्या: 251870010113853) जो अकांक्षा निषाद नामक महिला को जारी किया गया है, उसमें मासिक आय मात्र ₹3833.33 अंकित की गई है, जो कि वार्षिक ₹46,000 से भी कम है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि वह परिवार संपन्न है और जमीन व संसाधनों की भरमार है। यह प्रमाण पत्र 29 जून 2025 को जारी किया गया, जिसकी जांच अधिकारी स्वयं राजकुमार हैं। इससे साफ होता है कि प्रमाण पत्र जारी करने में पक्षपात और आर्थिक लेन-देन का खेल चल रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उन्होंने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि लेखपाल राजकुमार को तत्काल प्रभाव से पकड़ी नौनिया क्षेत्र से हटाया जाए और किसी अन्य ब्लॉक में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही एक उच्चस्तरीय जांच बैठाकर सभी जारी किए गए प्रमाण पत्रों की समीक्षा की जाए।

ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। क्षेत्र में व्याप्त इस भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती जा रही हैं और यदि समय रहते कार्रवाई न हुई तो इससे ग्रामीणों का सरकारी तंत्र पर से विश्वास उठ जाएगा।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर शिकायत को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या दोषी लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी कागजों में दबकर रह जाएगा।

 

रिपोर्ट -मनोज कुमार तिवारी