मनरेगा कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा: पुराने इंटरलॉकिंग पर खिंचवाए फोटो, काम शून्य – उपस्थिति दर्ज 92 मजदूरों की

महराजगंज के निचलौल ब्लॉक के भोथहा पंचायत में एक ही दिन तीन अलग-अलग योजनाओं में फर्जी फोटो और झूठे मस्टरोल से की जा रही है भारी धांधली
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महराजगंज/निचलौल।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत जिले के निचलौल ब्लॉक के ग्राम पंचायत भोथहां में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। 20 जुलाई 2025 को तीन कार्यों की साइट पर अपलोड की गईं समूह फोटो और जियो टैग की गई लोकेशन के विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा था। फिर भी दर्जनों मजदूरों की उपस्थिति दर्ज कर दी गई है।
पहला मामला: श्यामबिहारी से मनोज के घर तक इंटरलॉकिंग
वर्क कोड: 3152003099/RC/958486255823633871
मेट: संत्रा देवी
फोटो में साफ देखा जा सकता है कि मजदूर पुराने बने हुए इंटरलॉकिंग पर खड़े हैं। सुबह 7:01 बजे और दोपहर 12:15 बजे की तस्वीरों में किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं दिखाई देता, फिर भी 15 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है।
दूसरा मामला: भरथ से गोबरी के घर तक इंटरलॉकिंग
वर्क कोड: 3152003099/RC/958486255823643504
इस कार्य में भी वही तरीका अपनाया गया है। दो अलग-अलग समय पर ली गई तस्वीरों में मजदूर उसी पहले से बनी इंटरलॉकिंग सड़क पर खड़े दिख रहे हैं। जबकि 14 लोगों को कार्यरत बताया गया है।
तीसरा मामला: प्राइमरी स्कूल से सूतनवा नाला तक चकबंध कार्य
वर्क कोड: 3152003099/LD/958486255824903934
यह मामला और भी चौंकाने वाला है। तस्वीरों में न तो मिट्टी का कोई कार्य दिखता है, न ही कोई हलचल। बावजूद इसके इस योजना में 63 मजदूरों की उपस्थिति दर्शाई गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है और आज दिन रविवार के साथ-साथ सावन का पहला सोमवार है, ऐसे में कार्य होना लगभग असंभव माना जा रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के कई निवासियों का कहना है कि “इन कार्यों में दिखाया गया कोई भी मजदूर वास्तव में साइट पर कार्यरत नहीं था। कुछ दिनों से केवल नाम दर्ज कर के उपस्थिति बढ़ाई जा रही है और इसके आधार पर फर्जी भुगतान की तैयारी हो रही है।”
प्रशासन से मांग
ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने जिलाधिकारी महराजगंज से मांग की है कि इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जो भी दोषी हों – चाहे मेट हो, ग्राम रोजगार सेवक हो या कोई अधिकारी – उन पर कठोर कार्रवाई की जाए।
मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना, जो गरीबों को रोजगार देने के लिए बनी है, उस पर इस तरह की धांधली न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि यह गरीब मजदूरों के अधिकारों के साथ खुला खिलवाड़ है। यदि समय रहते इन घोटालों पर रोक नहीं लगी तो ग्रामीण विकास के प्रयासों पर पानी फिर जाएगा।
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रिपोर्टर: मनोज तिवारी
स्थान: महराजगंज, उत्तर प्रदेश