निचलौल में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन जारी, खंड शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत का आरोप

निचलौल में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन जारी, खंड शिक्षा अधिकारी पर मिलीभगत का आरोप

रजनीकांत तिवारी

अप्रैल में बंद कराए गए दर्जनों अवैध स्कूल पुनः संचालित, बेसिक शिक्षा नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का आरोप; जांच की मांग

महराजगंज/निचलौल।
विकास खंड निचलौल में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के दोबारा संचालन को लेकर शिक्षा विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन (भा.कि.यू.) के जिलाध्यक्ष रजनीकांत तिवारी ने मंडलायुक्त गोरखपुर को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि जिन स्कूलों को अप्रैल माह में खंड शिक्षा अधिकारी आनंद मिश्रा ने बंद कराया था, वे आज भी बिना किसी वैधानिक मान्यता के खुलेआम चल रहे हैं।

रजनीकांत तिवारी ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि शासनादेश के अनुसार, सभी अवैध और गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बंद करने का निर्देश था। इसी के तहत अप्रैल 2025 में निचलौल क्षेत्र के ऐसे विद्यालयों को बंद भी कराया गया था, और खंड शिक्षा अधिकारी ने स्वयं डुग्गी मुनादी कराकर इस कार्रवाई को प्रचारित किया था।

फिर से चालू हो गए दर्जनों अवैध स्कूल

 

 

प्रार्थी का आरोप है कि अब खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से उन्हीं स्कूलों को दोबारा चालू कर दिया गया है, जिसमें सबसे प्रमुख नाम एस.बी. पब्लिक स्कूल, छितौना का है। इसके अलावा दर्जनों अन्य स्कूल भी बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं, जिससे आरटीई एक्ट 2009 और शिक्षा विभाग के मानकों की सीधी अवहेलना हो रही है।

रजनीकांत तिवारी ने कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों का भविष्य खतरे में है, क्योंकि ये न तो शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं और न ही योग्य शिक्षकों की व्यवस्था रखते हैं। बावजूद इसके विभाग की चुप्पी और खंड शिक्षा अधिकारी की निष्क्रियता से साफ होता है कि विद्यालय प्रबंधन और अधिकारियों के बीच गहरी सांठगांठ है।

जांच और विधिक कार्रवाई की मांग

पत्र में यह भी मांग की गई है कि उक्त प्रकरण की निर्दलीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। रजनीकांत तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारी पर शासनादेशों की अवहेलना करने, आरटीई कानून का उल्लंघन करने और विभागीय छवि को धूमिल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

पत्र के साथ उन्होंने अप्रैल माह में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई की फोटो प्रमाण के रूप में संलग्न की है, जिसमें अवैध विद्यालयों को बंद कराने की पुष्टि होती है।

प्रतिलिपि प्रमुख अधिकारियों को भेजी गई

रजनीकांत तिवारी ने इस शिकायत पत्र की प्रतिलिपि उत्तर प्रदेश शासन के बेसिक शिक्षा सचिव, जिलाधिकारी महराजगंज, मंडलीय बेसिक शिक्षा निरीक्षक गोरखपुर और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महराजगंज को भी भेजी है।

यह मामला न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है बल्कि उन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ को भी उजागर करता है जो बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि शासन और प्रशासन इस पर कितना संज्ञान लेते हैं और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होती है।