डॉ. अभय त्रिपाठी ने हरिद्वार में 5000 कांवड़ियों को दी चिकित्सकीय राहत

मानस आश्रम योगपीठ (हरिद्वार -रूड़की मार्ग) में लगाए गए 14 दिवसीय मेडिकल कैंप में डॉ. अभय त्रिपाठी और उनकी टीम ने किया उत्कृष्ट कार्य, सीएमओ और रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा किया गया सम्मानित
हरिद्वार। श्रावण मास के पावन अवसर पर कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड एवं रेडक्रॉस सोसाइटी हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में श्री मानस आश्रम, योगपीठ (हरिद्वार-रुड़की मार्ग) पर 14 दिवसीय निःशुल्क मेडिकल राहत कैंप का आयोजन किया गया।
इस मेडिकल कैंप का नेतृत्व स्वर्गीय टीका बाबा के पौत्र डॉ. अभय त्रिपाठी (ग्राम – बड़हरी, तहसील – निचलौल, जनपद – महराजगंज) ने किया। डॉ. अभय वर्तमान में अपनी शैक्षणिक पढ़ाई पूर्ण कर हरिद्वार से इंटर्नशिप कर रहे हैं और 2026 के मध्य चिकित्सकीय सेवा हेतु उपलब्ध रहेंगे।
कैंप के दौरान डॉ. अभय और उनकी टीम ने प्रतिदिन लगभग 300 से 400 कांवड़ियों को दवा एवं आवश्यक प्राथमिक उपचार प्रदान किया। इस प्रकार पूरे 14 दिनों के कैंप में करीब 4000 से 5000 श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य लाभ मिला। मेडिकल टीम में तीन पुरुष एवं तीन महिला सहयोगी शामिल थे, साथ ही एक एम्बुलेंस 24 घंटे आपातकालीन सेवाओं के लिए तैयार रखी गई।
कांवड़ यात्रा में लगातार पैदल चलने और अत्यधिक भीड़ के कारण यात्रियों को पैरों में छाले, थकान, डिहाइड्रेशन, बुखार, सांस की समस्या और अन्य शारीरिक तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इस कैंप में सभी रोगियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिससे उन्हें अपनी यात्रा पूरी करने में बड़ी राहत मिली।
मेडिकल कैंप के समापन अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव जी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. आरके सिंह एवं डॉ. उर्मिला पांडे ने डॉ. अभय त्रिपाठी और उनकी टीम को सफलतापूर्वक कैंप संचालन के लिए सम्मानित किया। आयोजकों ने कहा कि डॉ. अभय का योगदान समाज सेवा और चिकित्सा क्षेत्र में प्रेरणादायक है।
डॉ. अभय त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा, “कांवड़ यात्रा में आने वाले लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के प्रति आस्था लेकर आते हैं। उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। इस सेवा कार्य में योगदान देना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”
ग्राम बड़हरी के लोगों ने भी डॉ. अभय के इस सामाजिक योगदान पर गर्व व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि वे भविष्य में भी इसी तरह समाज सेवा के लिए तत्पर रहेंगे।
इस मेडिकल राहत कैंप ने न केवल हजारों कांवड़ियों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया, बल्कि यह साबित किया कि चिकित्सा सेवा ही सच्ची मानव सेवा है।