महराजगंज में खाद संकट बरकरार, डीएम के सख़्त निर्देश भी नहीं ला सके राहत

महराजगंज में खाद संकट बरकरार, डीएम के सख़्त निर्देश भी नहीं ला सके राहत

महराजगंज पर्दा फाश न्यूज 24×7 मनोज कुमार तिवारी –

जिला कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी संतोष शर्मा ने सोमवार को जनपद में खाद की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था की गहन समीक्षा बैठक की। बैठक में कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। उद्देश्य था—जनपद में खाद आपूर्ति श्रृंखला को पारदर्शी, तेज़ और किसानों के अनुकूल बनाए रखना।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने खाद वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने तथा किसानों को समय से उचित दर पर खाद उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर कालाबाजारी और जमाखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही यह भी आदेशित किया कि 01 मीट्रिक टन से अधिक खाद खरीदने वालों की भूमि का रकबा जांचा जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वास्तविक कृषक हैं या नहीं।

डीएम ने अधिकारियों को खाद के उठान, भंडारण और वितरण की संपूर्ण प्रक्रिया पर सतर्क निगरानी रखने के निर्देश दिए। प्रत्येक बिक्री केंद्र पर सही स्टॉक प्रदर्शन, किसानों की सूची और बिक्री रजिस्टर अद्यतन रखने के साथ-साथ पर्ची के माध्यम से खाद वितरण सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि यदि वे किसी अनियमितता को देखें तो तत्काल जिला प्रशासन को सूचित करें।

हालांकि, ज़मीनी हकीकत इन दावों से मेल नहीं खाती। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, खाद संकट अभी भी बरकरार है। किसानों का कहना है कि एक बोरी खाद पाने के लिए उन्हें 12 से 14 घंटे तक लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। कई किसान लगातार दो से तीन दिन तक समितियों के चक्कर काटते हैं, तब जाकर उन्हें सीमित मात्रा में खाद मिल पाती है।

खाद की कमी के चलते गरीब और सीमांत किसान अपने कीमती समय का बड़ा हिस्सा समितियों पर बिताने को मजबूर हैं। यह वही समय है जब उन्हें खेतों में निराई-गुड़ाई जैसे आवश्यक कार्य करने चाहिए, जिससे समय पर फसल की पैदावार सुनिश्चित हो सके।

किसानों की लंबी कतारें इस बात की गवाही देती हैं कि मांग और आपूर्ति के बीच गहरी खाई मौजूद है। समितियों पर भीड़ इतनी बढ़ रही है कि कई बार व्यवस्था संभालना मुश्किल हो जाता है। प्रशासनिक तंत्र मांग के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करने में अब तक असफल साबित हुआ है।

जिलाधिकारी की सख़्ती और निर्देशों के बावजूद पर्याप्त मात्रा में खाद जनपद में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। यदि जल्द ही आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, जिससे फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा।

किसान संगठन भी इस स्थिति को गंभीर मानते हुए उच्च स्तर पर हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ आदेश और समीक्षा बैठक से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि तत्काल अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।

जनपद के किसानों की उम्मीदें अब इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन जल्द ही ठोस कदम उठाए, ताकि खेतों तक समय पर खाद पहुंचे और उनकी मेहनत बेकार न जाए।