ग्राम सभा भुवनी में एएनएम सेंटर पर बिना आरओ लगे भुगतान का मामला उजागर

ग्राम प्रधान और सचिव पर आरोप, एएनएम ने की शिकायत
महाराजगंज, उत्तर प्रदेश:
ग्राम सभा भुवनी, विकासखंड घुघुली में एएनएम (एएनएम) सेंटर पर 41,239 रुपये का भुगतान काशमी इंटरप्राइजेज नामक फर्म को किए जाने का मामला सामने आया है। यह भुगतान आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) वाटर प्यूरीफायर की आपूर्ति के लिए किया गया था, जबकि एएनएम के अनुसार, सेंटर पर कोई आरओ लगाया ही नहीं गया है। इस पूरे मामले ने ग्राम प्रधान और सचिव चंद्रशेखर की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
यह मामला तब प्रकाश में आया जब 28 जनवरी, 2024 को एएनएम सेंटर पर ताले के बदलने की जानकारी मिली। एएनएम के अनुसार, उन्होंने कभी भी सेंटर का ताला बदलने की अनुमति नहीं दी थी। ताले की दूसरी चाबी ग्राम प्रधान के पास थी, जो उन्होंने बिना पूर्व जानकारी के बदल दी। जब एएनएम ने प्रधान से पूछा कि सेंटर का ताला किसने बदला, तो प्रधान ने जवाब दिया कि उन्होंने स्कूल में पाइप लगाने के लिए सेंटर खोला था। परंतु एएनएम के अनुसार, सेंटर में कोई पाइप मौजूद नहीं था।

विवादित भुगतान
30 मार्च, 2024 को ग्राम सभा भुवनी के एएनएम सेंटर पर आरओ वाटर प्यूरीफायर की आपूर्ति के लिए 41,239 रुपये का भुगतान काशमी इंटरप्राइजेज नामक फर्म को किया गया। इस फर्म ने आरओ प्यूरीफायर के अलावा अन्य सामानों जैसे हार्डवेयर, ईंट, पत्थर, और स्टेशनरी की भी आपूर्ति की है, जिससे सवाल उठता है कि क्या एक ही फर्म से इतने अलग-अलग सामान खरीदे जा सकते हैं?
एएनएम का कहना है कि उन्होंने कभी भी सेंटर पर आरओ नहीं देखा और न ही इसे लगाने के संबंध में कोई सूचना प्राप्त की। इस संदर्भ में एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें एएनएम स्पष्ट रूप से बता रही हैं कि सेंटर पर कोई आरओ नहीं लगा है। इस भुगतान पर ग्रामीणों और भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष श्रीदेव उपाध्याय ने भी सवाल उठाए हैं। उपाध्याय ने इस मामले की शिकायत आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) के माध्यम से की है और जानकारी की मांग की है। सं
भावित कार्रवाई
इस मामले पर घुघुली के सीएससी अधीक्षक ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी ग्राम प्रधान द्वारा एएनएम सेंटर का ताला या उसकी चाबी अपने पास रखना गलत है। इस मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एएनएम ने घुघुली चौकी में शिकायत दर्ज कराई है कि बिना उनकी जानकारी के सेंटर का ताला क्यों और किसने बदला। अब देखना यह होगा कि इस मामले में खण्ड विकास अधिकारी और संबंधित अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं।

यह मामला भ्रष्टाचार और सरकारी योजनाओं के गलत उपयोग की ओर इशारा करता है। बिना आरओ लगाए भुगतान किए जाने से साफ है कि ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से यह खेल खेला गया है। अब यह देखना होगा कि क्या इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होती है या इसे भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाता है। ग्राम सभा के लोग और ग्रामीणों ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है।