आज से गणेश चतुर्थी की धूम, जानें पंडालों और घरों में प्रतिमा स्थापना और गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त

गणेशोत्सव की भव्य तैयारियों के बीच शनिवार यानी आज घरों और पंडालों में भगवान गणपति विराजमान होंगे। भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। शुक्रवार को दिनभर लोगों को अपने प्रिय बप्पा की मूर्तियां लेकर जाते देखा गया। भक्तगण आज शुभ मुहूर्त में घरों और पंडालों में गणपति की मूर्तियां स्थापित करेंगे। अपनी शक्ति और भक्ति के अनुसार, डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन और 10 दिनों तक अपने प्रिय भगवान की विशेष पूजा-अर्चना, अनुष्ठान और उपासना करेंगे। बड़ी संख्या में लोग डेढ़ दिन की बप्पा की मूर्ति घरों में स्थापित करते हैं।

प्रतिमा स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे से चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो गई है। यह तिथि 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में यानी शनिवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। भगवान गणेश प्रतिमा की स्थापना सुबह 8 बजे से 9:30 बजे के बीच स्थापना की जा सकती है। कहते हैं कि भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था, इसलिए मूर्ति की स्थापना का उपयुक्त समय सुबह 11.20 बजे से दोपहर 1.51 बजे के बीच का है। इस समय में मूर्ति का स्थापना कर उनकी पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है।

पूजा के लिए पंडितों की मांग
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में मुंबई और उपनगरों में गणेश भक्त अधिक संख्या में बप्पा की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं। घरों से लेकर पंडालों तक गणेश प्रतिमा की स्थापना और पूजा के लिए पंडितों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। भक्तजन पहले से ही अपने संपर्क के पंडितों को पूजा और अनुष्ठान के लिए बुक करना शुरू कर देते हैं। चूंकि हर पंडित के पास कई यजमान होते हैं, ऐसे में शुभ मुहूर्त में हर यजमान के घर बप्पा की मूर्ति विधि-विधान से स्थापित करवाने के लिए पहुंचना संभव नहीं है। इसलिए वे काशी, दिल्ली और प्रयागराज और अन्य स्थानों से भी जान-पहचान के पंडितों को पूजा के लिए बुलाते हैं।

डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन कल
रविवार को डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन किया जाएगा। आस-पास के इलाकों में गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। जलाशयों के किनारे कृत्रिम तालाबों का निर्माण किया है, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

हाथों से तैयार होता है असली मोदक
असली मोदक हाथों से तैयार होते हैं, इसमें मेहनत लगती है। महाराष्ट्र में हर घर में नारियल, गुड़, केसर, शक्कर, इलायची देसी घी और खुशबूदार चावल के आटे से मोदक बनते हैं। चावल के आटे में उबलता पानी, घी या तेल और थोड़ा नमक डालते हैं। एक बार सारा कच्चा माल तैयार हो जाए तो एक मिनट में एक मोदक की फिलिंग हो जाती है।

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